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मोबाइल फोन इंडस्‍ट्री ने मांगा निर्यात योजना पर स्‍पष्‍टीकरण, की टैक्‍स को युक्तिसंगत बनाने की मांग

भारतीय कंपनियों को राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीतियों के तहत 110 अरब डॉलर के मोबाइल निर्यात के लक्ष्य को पूरा करने के लिए नया पैकेज तैयार किया जा रहा है।

Mobile phone industry seeks tax rationalisation, clarity on export scheme- India TV Paisa Mobile phone industry seeks tax rationalisation, clarity on export scheme

नई दिल्‍ली। मोबाइल फोन उद्योग ने निर्यात प्रोत्साहन में हाल में की गई कटौती के बारे में स्पष्टीकरण और हैंडसेट पर जीएसटी (माल एवं सेवा कर) समेत कर ढांचे को युक्तिसंगत बनाने की मांग की है। बजट 2020 से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात के दौरान उद्योग ने यह मांग की।

इंडिया सेल्यूलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अनुसार निर्यात प्रोत्साहन में कटौती से रोजगार में बड़े पैमाने पर कटौती होगी। बैठक के बारे में आईसीईए के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा कि सरकार का भारतीय कंपनियों को समर्थन देने के साथ ही देश को मोबाइल विनिर्माण का केंद्र बनाने को लेकर वैश्विक ब्रांड आकर्षित करने का मजबूत इरादा है।

उन्होंने कहा कि निर्यात पर लाभ के संदर्भ में हमने बातें स्पष्ट किए जाने का आग्रह किया है। वैश्विक मूल्य-संवर्धन श्रृंखला (विनिर्माण श्रृंखला) से जुड़ाव को प्रोत्साहन देने और भारतीय कंपनियों को राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीतियों के तहत 110 अरब डॉलर के मोबाइल निर्यात के लक्ष्य को पूरा करने के लिए नया पैकेज तैयार किया जा रहा है। महेंद्रू ने कहा कि हमने इस (प्रोत्साहन पैकेज) पर स्पष्टता के लिए मजबूती से आग्रह किया है।

बैठक में प्रौद्योगिक क्षेत्र के उद्योग मंडल आईसीईए, एमएआईटी, नास्कॉम, दूरसंचार उपकरण विनिर्माण संघ, इंडियन प्राइवेट इक्विटी एंड वेंचर कैपिटल एसोसएिशन के अलावा एप्पल, लावा इंटरनेशनल, रिलायंस जियो आदि के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। डीजीएफटी ने सात दिसंबर को मोबाइल हैंडसेट पर निर्यात प्रोत्साहन में कटौती की और इसे 4 प्रतिशत से कम कर 2 प्रतिशत कर दिया।

महेंन्द्रू ने कहा कि हमने आग्रह किया है कि महंगे मोबाइल हैंड सेट पर मूल सीमा शुल्क अधिकतम 4,000 रुपए रखा जाए। इस खंड में काले-सफेद कारोबार का घालमेल रोका जाना चाहिए। मोबाइल फोन उद्योग ने वित्त मंत्री से 1,200 रुपए तक के मोबाइल हैंडसेट पर जीएसटी 12 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत करने का आग्रह किया है। उद्योग का कहना है कि इससे 15 करोड़ लोगों को लाभ होगा, जो फीचर फोन खरीदते हैं।

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