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Hindi News पैसा बिज़नेस चालू वित्‍त वर्ष में भारत की GDP वृद्धि दर रहेगी 9.3 प्रतिशत, Moody's ने जताया अनुमान

चालू वित्‍त वर्ष में भारत की GDP वृद्धि दर रहेगी 9.3 प्रतिशत, Moody's ने जताया अनुमान

मूडीज ने आगे कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का अनुमान है, जबकि इसके बाद सुधार होगा

Moody's pegs India GDP growth at 9.3 pc in FY22- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO Moody's pegs India GDP growth at 9.3 pc in FY22

नई दिल्‍ली। मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को कहा कि मार्च 2022 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 9.3 प्रतिशत रह सकती है, जबकि अगले वित्त वर्ष 2022-23 में इसके 7.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मूडीज ने कहा कि संक्रमण के डर से लोगों के व्यवहार में आए बदलाव के साथ ही फिर से लॉकडाउन लागू किए जाने से आर्थिक गतिविधियों पर अंकुश लगेगा, लेकिन ये प्रभाव पहली लहर की तरह गंभीर होने की आशंका नहीं है।

मूडीज ने आगे कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का अनुमान है, जबकि इसके बाद सुधार होगा, जिसके चलते वास्तविक, मुद्रास्फीति समायोजित जीडीपी वृद्धि दर मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में 9.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2022-23 में 7.9 प्रतिशत रह सकती है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि लंबी अवधि में जीडीपी वृद्धि दर औसतन लगभग छह प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

मांग सृजन, रोजगार बनाये रखने के लिए प्रभावी नीतिगत उपायों की आवश्यकता

उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने सोमवार को कहा कि सरकार को अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए सक्रियता के साथ और सोच-विचारकर कदम उठाने होंगे। साथ ही मांग सृजित करने तथा रोजगार कायम रखने के लिए प्रभावी नीतिगत उपाय करने की आवश्यकता है।

पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने एक बयान में कहा कि भविष्य के आर्थिक विकास के लिए प्रभावी कदम उठाने तथा व्यापार और उद्योग पर महामारी की दूसरी लहर के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए एक पर्याप्त प्रोत्साहन राशि देना, आर्थिक विकास का समर्थन करने के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि पिछली कई तिमाहियों में सरकार द्वारा किए गए सार्थक और सक्रिय सुधारों ने अर्थव्यवस्था को वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के निचले स्तर से उबार दिया है और इसके परिणामस्वरूप बाद की तिमाहियों में जीडीपी में तेज उछाल आया है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आयी जो कई विशेषज्ञों द्वारा जताये गये अनुमान से कम है।

 

 

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