भारतीय पूंजी बाजार का प्रदर्शन बीते वित्त वर्ष में दूसरे उभरते बाजारों में सबसे बेहतर रहा है। आज भारतीय बाजार वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक झटकों को झेलने में अधिक सक्षम हैं।
मुद्रा कोष ने यह भी कहा कि बढ़ती कीमतों के खिलाफ दुनियाभर में प्रगति धीमी हुई है। इसका कारण हवाई यात्रा से लेकर रेस्तरां में भोजन करने जैसी सेवाओं की महंगाई है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले महीने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
दिग्गज अर्थशास्त्री एनके सिंह ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट उसे 2047 तक विकसित देश की तरफ ले जा रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया भारतीय युग की दहलीज पर है।
4 Trillion Dollar Economy : भारत की अर्थव्यवस्था 3,942 बिलियन डॉलर पर पहुंच चुकी है। जल्द ही हम जीडीपी के मामले में जापान को पीछे छोड़ देंगे।
फिच का अनुमान आरबीआई के अनुमान के अनुरूप है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस महीने की शुरुआत में अनुमान लगाया था कि ग्रामीण मांग में सुधार और मुद्रास्फीति में नरमी से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत करने से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि संभावनाओं में केंद्रीय बैंक का भरोसा बढ़ा है।
बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही यानी जनवरी 2024 से मार्च 2024 के बीच भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी रही। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मजबूत ग्रोथ इसके पीछे एक बड़ी वजह रही।
राजकोषीय समेकन के रोडमैप के अनुसार, राजकोषीय घाटे को 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत तक कम किया जाएगा।
India GDP growth rate : जीडीपी एक निश्चित अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य होता है। वहीं, जीडीपी में शुद्ध करों (कुल कर संग्रह में से सब्सिडी हटाकर) को हटाने पर जीवीए निकलता है।
GDP Growth Rate : श्रम सुधारों को साल 2020 में संसद से मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका है।
इस हफ्ते शेयर बाजार के निवेशकों की नजर ईरान-इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष, कंपनियों के तिमाही नजीते, क्रूड ऑयल की कीमतों और वैश्विक बाजारों के रुख पर रहेगी।
सीआईआई के मनोनीत अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा कि मौजूदा वक्त काफी दिलचस्प है, क्योंकि यह भारत का वक्त है। देश में कई नीतिगत हस्तक्षेप किए गए हैं और वैश्विक कारक हमें आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं।
भारत के आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बताया कि भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 की लगातार तीन तिमाहियों में आठ फीसदी से अधिक की ग्रोथ दर्ज की है, जो सुस्त वैश्विक ग्रोथ रुझानों के बीच एक एक्सीलेंट परफॉर्मर के रूप में उसकी स्थिति की पुष्टि करता है।
दूसरे देशों में जहां निवेश घट रहा है, उधर भारत में निवेश विशेष रूप से मजबूत बना हुआ है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती रुचि से देश को लाभ हो रहा है।
Annual GDP growth : भारत से कम सालाना ग्रोथ रेट में इटली 0.7 फीसदी, ऑस्ट्रेलिया 1.2 फीसदी, फ्रांस 1.3 फीसदी,ब्राजील 1.5 फीसदी, कनाडा 1.6 फीसदी, स्पेन 1.7 फीसदी, साउथ कोरिया 2.2 फीसदी शामिल हैं।
एसएंडपी ने यह भी कहा कि भारत में कैलेंडर ईयर 2024 में ब्याज दरों में 75 आधार अंकों यानी 0.75 प्रतिशत तक की कटौती होने की संभावना है। एजेंसी ने इससे पहले वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वृद्धि 6.4 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया था।
India GDP: बार्कलेज की ओर से भारत के जीडीपी अनुमान को चालू वित्त वर्ष के लिए बढ़ाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया गया है। मौजूदा समय में भारत दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था बनी हुई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि साल 1991 में आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन उसे 2004 के बाद पूरा नहीं किया गया, आगे नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सुधारों, विशेषकर भविष्योन्मुखी सुधारों पर जोर दिया।
अगले तीन वर्षों में भारत के पांच लाख करोड़ डॉलर के जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने वर्ष 2047 तक ‘विकसित देश’ बनने का एक बड़ा लक्ष्य रखा है।
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