घरेलू रेटिंग एजेंसी CareEdge Ratings ने भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर सकारात्मक अनुमान जताया है। एजेंसी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 में देश की वास्तविक GDP ग्रोथ 7.5 प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि वित्त वर्ष 2026-27 में यह मामूली नरमी के साथ 7 प्रतिशत रह सकती है। यह जानकारी एजेंसी ने बुधवार को जारी अपने आकलन में दी। CareEdge का कहना है कि हाल के दिनों में 91 के स्तर को पार कर चुके रुपये में आगे चलकर मजबूती देखने को मिल सकती है। एजेंसी के अनुसार, FY27 में रुपया 89-90 के दायरे में कारोबार कर सकता है।
भारत का मैक्रोइकोनॉमिक आउटलुक मजबूत
CareEdge की मुख्य अर्थशास्त्री राजनी सिन्हा ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत का मैक्रोइकोनॉमिक आउटलुक मजबूत बना हुआ है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2026-27 में भी भारतीय अर्थव्यवस्था करीब 7 प्रतिशत की स्वस्थ वृद्धि दर दर्ज कर सकती है। राजनी सिन्हा के मुताबिक, आर्थिक विकास को काबू में महंगाई, ब्याज दरों में संभावित कटौती और कम टैक्स बोझ जैसे कारकों से सहारा मिलेगा। इसके अलावा भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौता भी ग्रोथ को अतिरिक्त गति दे सकता है।
वैश्विक निवेशकों का भरोसा बरकरार
एजेंसी ने संकेत दिया है कि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) चक्र में सुधार के शुरुआती संकेत मिलने लगे हैं। इसका प्रमाण कैपिटल गुड्स कंपनियों की ऑर्डर बुक में दर्ज की जा रही मजबूत बढ़ोतरी से मिलता है। इसके साथ ही, सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में आई तेजी यह दर्शाती है कि वैश्विक निवेशकों का भरोसा भारत की विकास क्षमता पर बना हुआ है। CareEdge का मानना है कि नया लेबर कोड जैसे संरचनात्मक सुधार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का विश्वास और मजबूत करेंगे।
दूसरी छमाही में जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत तक
एजेंसी के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में शानदार प्रदर्शन के बाद दूसरी छमाही में जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत तक सीमित हो सकती है। हालांकि, पूरे वित्त वर्ष में औसत वृद्धि दर 7.5 फीसदी बने रहने की उम्मीद है। H2 में संभावित सुस्ती का कारण निर्यात में फ्रंट-लोडिंग का असर खत्म होना और त्योहारी मांग के बाद खपत का सामान्य स्तर पर लौटना बताया गया है। निर्यात के मोर्चे पर CareEdge ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत का वस्तु निर्यात करीब 1 प्रतिशत घट सकता है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में इसमें 0.1 प्रतिशत की मामूली बढ़त दर्ज की गई थी। अमेरिका को होने वाले निर्यात में कई श्रेणियों में गिरावट देखी गई है।
रत्न एवं आभूषण और टेक्सटाइल्स का निर्यात हुआ शिफ्ट
हालांकि, अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित रत्न एवं आभूषण और टेक्सटाइल्स का निर्यात हांगकांग और यूएई जैसे बाजारों की ओर शिफ्ट हुआ है, जिससे निर्यात के बदलते ट्रेंड पर करीबी नजर रखने की जरूरत बताई गई है। CareEdge ने यह भी स्पष्ट किया कि वित्त वर्ष 2025-26 और वित्त वर्ष 2026-27 में चालू खाता घाटा (सीएडी) जीडीपी के करीब 1 प्रतिशत पर संतुलित बना रह सकता है। राजकोषीय स्थिति को लेकर एजेंसी का अनुमान है कि केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2025-26 में 4.4 प्रतिशत के फिस्कल डेफिसिट लक्ष्य को पूरा करेगी, जबकि वित्त वर्ष 2026-27 में इसे और 0.2 प्रतिशत तक घटाने की गुंजाइश बनी हुई है।



































