Morgan Stanley Report On India: अमेरिका के ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट ने ये माना है कि मोदी के नेतृत्व में भारत बदल गया है.. और आज भारत एशिया और ग्लोबल ग्रोथ में एक अहम भूमिका निभाने को तैयार है.. रिपोर्ट में 2014 से हुए 10 बड़े बदलावों का जिक्र है.. भारत में कॉरपोरेट टैक्स की
India GDP Growth 2023: केंद्र में मोदी सरकार की जबरदस्त तारीफ की है...दुनिया भर की जानी-मानी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने दावा किया है कि एक दशक से भी कम समय में भारत की तस्वीर बदल गई है...
India GDP Growth 2023: केंद्र में मोदी सरकार की जबरदस्त तारीफ की है...दुनिया भर की जानी-मानी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने दावा किया है कि एक दशक से भी कम समय में भारत की तस्वीर बदल गई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व स्तर पर विकास में मंदी के बीच भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के संयुक्त प्रयासों के कारण भारत के मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल अधिक स्थिर प्रतीत होते हैं।
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने दुनिया के मंदी में जाने की बढ़ती आशंकाओं के बीच कहा कि दुनिया की मंदी से भारत अछूता रहेगा।
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में देश की जीडीपी 20.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी। एजेंसी का मानना है कि महामारी की तीसरी लहर ना आने पर आने वाले तिमाहियों में भी सुधार देखने को मिलेगा।
राजकोषीय घाटा अगले दो साल तक ऊंचा बना रहेगा लेकिन कर्ज/जीडीपी अनुपात स्थिर होने का अनुमान है।
सरकारी खपत को छोड़कर, ईएआई-जीवीए जुलाई 2021 में सालाना आधार पर 7.1 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी, जो जून 2021 में सालाना आधार पर 3.2 फीसदी से तेज थी, लेकिन मार्च-मई 2021 में धीमी रही है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने मंगलवार को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर को जारी करते हुए कहा कि यह अबतक की सबसे बेहतर तिमाही वृद्धि दर है।
आईएमएफ ने अपने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में कहा है कि मार्च-मई के दौरान घातक दूसरी कोविड लहर के कारण भारत के लिए वृद्धि अनुमान में कटौती की गई है क्योंकि इस वजह से भरोसे में रिकवरी धीमी पड़ने की संभावना है।
एसएंडपी ने कहा कि हमने मार्च में घोषित चालू वित्त वर्ष में वृद्धि के लिए 11 फीसदी के पूर्वानुमान को घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है।
वित्त वर्ष 2022 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 8.7 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (एमओएफएसएल) ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया है।
मूडीज ने आगे कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का अनुमान है, जबकि इसके बाद सुधार होगा
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2020 की दूसरी छमाही में पुनरुद्धार से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अपने महामारी पूर्व के स्तर पर पहुंच गया है।
मूडीज ने कहा है कि यदि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर तेज होती है, तो इससे 2021 में सुधार के लिए जोखिम पैदा हो सकता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोन वायरस महामारी के असर से उबर चुकी है। सरकार ने शुक्रवार को बताया कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 0.4 प्रतिशत रही है। सरकार ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8 प्रतिशत की गिरावट रहेगी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि लगातार दो तिमाहियों में नकारात्मक रहने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही में सकारात्मक हो गई है। 2019-20 की समान तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 3.3 प्रतिशत थी।
भारत की जीडीपी में पहली तिमाही के दौरान 24 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है कि वर्ष 2022 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5.9 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
भारत की स्थिति को उबारने में ई-कॉमर्स और डिजिटल प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
फिच ने मंगलवार को जारी अपने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से पैदा हुई मंदी ने देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।
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