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Hindi News पैसा बिज़नेस '50 खरब डॉलर की Economy बनने के लिए लोगों का सेहतमंद होना जरूरी', नीति आयोग ने राजकोषीय घाटे को लेकर कही ये बात

'50 खरब डॉलर की Economy बनने के लिए लोगों का सेहतमंद होना जरूरी', नीति आयोग ने राजकोषीय घाटे को लेकर कही ये बात

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का कहना है कि भारत को 2025 तक 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के साथ-साथ खासतौर से जमीनी स्तर पर लोगों को सेहतमंद बनाने की आवश्यकता है।

Niti Aayog Vice Chairman Rajiv Kumar- India TV Paisa Niti Aayog Vice Chairman Rajiv Kumar

नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का कहना है कि भारत को 2025 तक 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के साथ-साथ खासतौर से जमीनी स्तर पर लोगों को सेहतमंद बनाने की आवश्यकता है। ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा, "हमारे छह से 24 साल के बीच की उम्र के बच्चों को वैसा पोषण नहीं मिलता है, जैसा कि उन्हें मिलना चाहिए। हमारे 38 फीसदी बच्चे जहां अल्पपोषित हैं, वहीं 50 फीसदी महिलाएं खून की कमी से पीड़ित हैं।"

उन्होंने कहा कि इसलिए आपको देश के सबसे महत्वपूर्ण मानव संसाधन की देखभाल जमीनी स्तर पर करनी होगी। 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश की दिशा में यह आरंभिक कदम होगा।

उन्होंने वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने पर बल दिया। कुमार ने कहा कि हैरानी की बात है कि कृषि के क्षेत्र में जहां 43-44 फीसदी श्रम कार्यरत हैं, उसका जीडीपी में 16 फीसदी योगदान है। जबकि उसका निर्यात नगण्य है। देश और विदेश में काफी मांग है, लेकिन हमें वृद्धि (निर्यात में) की संभावना तलाशनी होगी।

कुमार इस सप्ताह जेजीयू में 'बिल्डिंग ए 5 ट्रिलियन इंडियन इकॉनोमी : द वे फॉर्वर्ड' विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में विशेष सचिव (लॉजिस्टिक्स) एन. सिवसैलम ने देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए वाणिज्यिक बैंकों पर निर्भर करने के बजाय संस्थागत विकास के माध्यम से लंबी अवधि के धन स्रोत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

जेजीयू के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर सी. राजकुमार ने कहा, 'हमारे विश्वविद्यालयों समेत हमारे नॉलेज सिस्टम की दोबारा मौलिक कल्पना करने की जरूरत है, क्योंकि हमारा मानना है कि विश्वविद्यालय 50 खरब की अर्थव्यवस्था के निर्माण के भविष्य की धड़कन है।'

'कॉरपोरेट कर में कमी का राजकोषीय घाटे पर होगा मामूली असर'

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने शनिवार को कहा कि सरकार की ओर से 1.45 लाख करोड़ रुपए की कर छूट देने के फैसले का राजकोषीय घाटे पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने यहां कहा कि कंपनी कर में दी गयी छूट से उच्च वृद्धि हासिल होगी और कर संग्रह बढ़ेगा जिससे नुकसान की भरपाई हो जाएगी। सरकार ने अर्थव्यवस्था को सुस्ती से उबरने के लिये शुक्रवार को कई घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनियों के लिए प्रभावी कर की दर में करीब 10 प्रतिशत की कटौती की है। उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देते हुये इस क्षेत्र में आने वाली नई कंपनियों के लिये कर दर को काफी कम कर दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि नए कर कटौती प्रस्तावों से सरकारी खजाने को सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा।

कुमार ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा, 'मुझे नहीं लगता कि कर में दी गयी छूट से राजकोषीय आंकड़ों पर बड़ा असर होगा। कुछ असर होगा जो बेहद कम होगा।' उन्होंने कहा कि इन उपायों से वृद्धि तेज होगी और इससे प्रत्यक्ष एवं परोक्ष करों का संग्रह भी बढ़ेगा। इससे राजस्व को होने वाले नुकसान की भरपाई हो जाने का अनुमान है।

उन्होंने कहा, 'संपत्तियों की बिक्री से बजट के आकलन की तुलना में 52 हजार करोड़ रुपए अधिक मिलेगा। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने भी बजट में शामिल राशि के मुकाबले 50 हजार करोड़ रुपए ज्यादा दिए हैं।' उन्होंने कहा कि कर तथा इसके इतर के मोर्चों से अधिक राजस्व प्राप्त होने से सरकार को राजकोषीय नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी। कुमार ने कहा कि जीडीपी की पांच प्रतिशत की वृद्धि दर अभी संकट नहीं है। ऊपर से यह चक्र का सबसे निचला स्तर है। उन्होंने कहा, 'हम इस साल करीब 6.50 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर लेंगे। हम अगले पांच साल में प्रति व्यक्ति आय को दो गुणा करने की पटरी पर लौट आएंगे।'

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