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ओएनजीसी ने प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की मांग की, लागत भी नहीं निकाल पा रही कंपनी

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने प्राकृतिक गैस कीमत फॉर्मूले की समीक्षा की मांग की है क्योंकि दरें लागत से भी कम हो गई हैं।

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नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने प्राकृतिक गैस कीमत फॉर्मूले की समीक्षा की मांग की है क्योंकि दरें लागत से भी कम हो गई हैं। देश की इस सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस उत्पादक कंपनी की मांग है कि प्राकृतिक गैस का न्यनूतम मूल्य 4.2 डॉलर प्रति एमबीटीयू तय किया जाए जो कि आर्थिक रूप से व्यावहारिक हो। उल्लेखनीय है कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने अक्टूबर 2014 गैस की कीमत तय करने के नए फॉर्मूले को मंजूरी दी थी। इस फॉर्मूले को कार्यान्वयन के बाद से कीमतें घटकर आधी (2.5 डॉलर प्रति) एमएमबीटीयू रह गई हैं।

ओएनजीसी ने कहा है, गैस के उत्पादन की लागत, वैकल्पिक ईंधनों की लागत व अन्य बाजार कारकों को ध्यान में रखते हुए घरेलू गैस कीमत मूल्य तय करने के फॉर्मूले की समीक्षा का आग्रह किया जाता है।

कंपनी चाहती है कि घरेलू गैस का मूल्य कम से कम 4.20 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू तो होना चाहिए। इससे पहले सरकार द्वारा नियमन गैस मूल्यों में भी यही मूल्य तय किया गया था। तब एपीएम गैस का मूलय 4.20 डॉलर प्रति एमबीटीयू, गैस-एपीएम मूल्य 4.20 से 5.25 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू रखा गया था। यह मूल्य जून 2010 में तय किया गया था। बाद में फॉर्मूला बदला गया।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 20 मार्च को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि कृष्णा गोदावरी बेसिन में प्राकृतिक गैस की उत्पादन लागत 4.99 डॉलर और 7.30 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के बीच है।

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