नई दिल्ली। प्याज निर्यात पर प्रतिबंध के चलते वित्त वर्ष 2015-16 के पहले दस महीनों में (अप्रैल से जनवरी) इसका निर्यात मात्रा की दृष्टि से 6.75 फीसदी गिरकर 8.28 लाख टन रहा, लेकिन मूल्य के हिसाब से निर्यात में अच्छी खासी वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय बागवानी शोध एवं विकास फांउडेशन (एनएचआरडीएफ) के आंकड़ों के अनुसार मूल्य के लिहाज से अप्रैल-जनवरी 2015-16 के दौरान प्याज निर्यात 35 फीसदी बढ़कर 2,161.70 करोड़ रुपए का रहा। विदेशों में अच्छी कीमत मिलने से यह वृद्धि दर्ज की गई।
देश से 2014-15 में कुल 2,009.94 करोड़ रुपए का 10.86 लाख टन प्याज निर्यात किया गया। चालू फसल वर्ष 2015-16 (जुलाई से जून) के दौरान देश में प्याज उत्पादन रिकॉर्ड 203 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले वर्ष 189.2 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था। इससे पहले 2013-14 में 194 लाख टन का रिकॉर्ड प्याज उत्पादन हुआ था।
इस साल प्याज उत्पादन रिकॉर्ड 203 लाख टन रहने का अनुमान
आंकड़ों के अनुसार आलोच्य अवधि में प्याज का निर्यात 8,28,656 टन रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 8,88,673 टन प्याज का निर्यात किया गया था। प्याज निर्यात में कमी की मुख्य वजह इसका ऊंचा न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) रहा। पिछले साल जून में इसका एमईपी बढ़कर 425 डॉलर प्रति टन कर दिया गया था। सरकार ने अगस्त में और बढ़ाकर 700 डॉलर प्रति टन कर दिया था। बेमौसमी वर्षा से उत्पादन घटने के कारण घरेलू बाजार में पिछले साल दाम काफी बढ़ गए थे। हालांकि, सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज के दाम टूटने के बाद निर्यात प्रोत्साहन के लिए एमईपी कम कर दिया था। एमईपी वह दाम है जिससे कम पर किसी भी व्यापारी को निर्यात की अनुमति नहीं होती। सरकार की तरफ से जब निर्यात प्रतिबंध लगाए गए थे तब प्याज निर्यात से औसत मूल्य प्राप्ति 48,000 रुपए प्रति टन थी, लेकिन सरकार द्वारा एमईपी हटा दिए जाने के बाद जनवरी में निर्यात प्राप्ति 14,997 रुपए प्रति टन ही रही।
Latest Business News