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Hindi News पैसा बिज़नेस ओपेक के उत्पादन बढ़ाने के फैसले से ईंधन मूल्यों में स्थिरता का अनुमान: पेट्रोलियम मंत्री

ओपेक के उत्पादन बढ़ाने के फैसले से ईंधन मूल्यों में स्थिरता का अनुमान: पेट्रोलियम मंत्री

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक ओपेक ने दो दिन पहले ही निर्णय किया है कि वह कच्चे तेल का पांच लाख बैरल उत्पादन हर रोज बढ़ाएगा। जिससे देश को फायदा मिलेगा और अनुमान है कि ईंधनों के दाम में स्थिरता आएगी

<p>ओपेक के द्वारा...- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO ओपेक के द्वारा उत्पादन बढ़ाने के बाद कीमतों में स्थिरता की उम्मीद

नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों के आसमान छूने के बीच केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को अनुमान जताया कि पेट्रोलियम निर्यातक मुल्कों के एक संगठन के कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने के हालिया फैसले के बाद ईंधनों के दामों में स्थिरता आएगी। पेट्रोल-डीजल की महंगाई के बारे में पूछे जाने पर प्रधान ने यहां संवाददाताओं से कहा, "ओपेक ने दो दिन पहले ही निर्णय किया है कि वह कच्चे तेल का पांच लाख बैरल उत्पादन हर रोज बढ़ाएगा। इसका हमें फायदा मिलेगा और हमारा अनुमान है कि (ईंधनों के) दाम स्थिर होंगे।" पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा, "जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ते हैं, तो यहां भी दाम बढ़ते हैं।" प्रधान के मुताबिक अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों और कुछ अन्य देशों की अंदरूनी समस्याओं के कारण पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़े थे।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर कोविड-19 के जारी संकट में भी पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी करने का आरोप लगाया है। विपक्षी दल ने मांग की है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी का लाभ देश की आम जनता को देते हुए इस साल पांच मार्च के बाद पेट्रोल-डीजल के दामों में हुई सभी बढ़ोतरी वापस ली जानी चाहिए। अपने परिवार के साथ शनिवार को मध्यप्रदेश की दो दिवसीय यात्रा पर आए प्रधान ने देश के सबसे साफ-सुथरे शहर इंदौर में कचरा प्रसंस्करण संयंत्रों का दौरा भी किया और इनके सफल संचालन के लिए नगर निगम की तारीफ की। इनमें गीले कचरे से कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) बनाने की इकाइयां शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "तेल विपणन कम्पनियां 46 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर लम्बे समय तक सीबीजी खरीदने की गारंटी दे रही हैं। गीले कचरे से सीबीजी बनाना देश भर में एक सफल उद्यम मॉडल हो सकता है।" उन्होंने बताया कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने देश के शहरी इलाकों में 5,000 सीबीजी संयंत्र लगाने का बीड़ा उठाया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी पराली और अन्य कृषि अपशिष्टों से सीबीजी बनाए जाने की प्रचुर संभावनाएं हैं।

प्रधान ने यह भी बताया कि अवंतिका गैस लिमिटेड (एजीएल) इंदौर में अगले साल सीएनजी और पाइप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) के उपभोक्ता नेटवर्क का बड़े पैमाने पर विस्तार करेगी। इंदौर स्थित एजीएल, गेल इंडिया और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) का संयुक्त उपक्रम है। उन्होंने बताया, "मैं जब वर्ष 2015 में पहली बार इंदौर आया था, तब एजीएल शहर के करीब 5,000 घरों में पाइपलाइन के जरिये रसोई गैस पहुंचा रही थी। अब इसके जरिये शहर के 55,000 घरों में रसोई गैस पहुंचाई जा रही है।"

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