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Hindi News पैसा बिज़नेस ओसामा बिन लादेन की चिट्ठी से हुआ खुलासा, सोना और यूरो में करता था निवेश

ओसामा बिन लादेन की चिट्ठी से हुआ खुलासा, सोना और यूरो में करता था निवेश

वाल स्ट्रीट के दिग्गज फंड मैनेजर्स को सोने की तरफ आकर्षित होता देख ओसामा बिन लादेन ने भी सोने में निवेश करने का निर्णय लिया था।

As an Investor: ओसामा बिन लादेन की चिट्ठी से हुआ खुलासा, सोना और यूरो में लगाता था पैसा- India TV Paisa As an Investor: ओसामा बिन लादेन की चिट्ठी से हुआ खुलासा, सोना और यूरो में लगाता था पैसा

नई दिल्ली। जब सब प्राइम मॉर्गेज से शुरू हुई ग्लोबल मंदी ने दुनियाभर में सोने (Gold) को सबसे सुरक्षित और आकर्षक निवेश बना दिया था, उस समय आतंकी संगठन अलकायदा ने भी सोने को ही निवेश के लिए सबसे उपयुक्त माना था। यह 2010 के अंत का वह समय था जब अल कायदा करीब 50 लाख डॉलर की रकम फिरौती से उगाही कर बैठा था। तब वाल स्ट्रीट के दिग्गज फंड मैनेजर्स को सोने की तरफ आकर्षित होता देख ओसामा बिन लादेन ने भी सोने में निवेश करने का निर्णय लिया था। यह बात दिसंबर 2010 में अरबी भाषा में लिखे गए एक खत के अनुवाद के बाद सामने आई है।

इस खत में ओसामा बिन लादेन अलकायदा के मैनेजर को यह निर्देश दे रहा है कि फिरौती से उगाही गई रकम के एक तिहाई हिस्से (करीब 17 लाख डॉलर) से सोने के सिक्के और छड़ें खरीद ली जाएं। यह खत 2011 में अबोटाबाद ऑपरेशन के बाद ओसामा बिन लादेन के घर पर छापे के बाद नेवी की ओर से जब्त किए गए गुप्त खजाने का हिस्सा है। सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी की ओर से यह दस्तावेज पिछले महीने जारी किए गए। इस खत के माध्यम से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे अलकायदा जैसा संगठन फिरौती के जरिए उगाही गई रकम को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करता था।

जानिए सोने से जुड़े तथ्‍य

Facts of Gold

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इस खत में ओसामा बिन लादेन अलकायदा के मैनेजर एतियाह अब्द अल रहमान से यह कह रहा है कि सोने की कीमतें मौजूदा स्तर से ऊपर की ओर जाती दिख रही हैं। छोटी अवधि में भले कुछ गिरावट देखने को मिले लेकिन आने वाले कुछ वर्षों में कीमतें 3000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती हैं। ओसामा बिन लादेन के मरने के 5 महीने बाद 2011 में सोना 1900 डॉलर प्रति औंस पहुंच गया था। लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि उसे फाइनेंन का अच्छा ज्ञान था। सोने की कीमतों में तेजी का अनुमान उस वक्त दुनिया के बड़े निवेशक और अमेरिकी भी लगा रहे थे। 2010 में सोने की डिमांड उच्चतम स्तर पर था।

बिन लादेन अमेरिकी डॉलर में ना तो निवेश करना चाहता था ना ही रखना। अफगान कैदी के लिए फिरौती मिली थी, मेरा मानना है कि एक तिहाई हिस्से सोना खरीदना चाहिए और एक तिहाई से यूरो। बिन लादेन ने कहा कि रोजाना होने वाले खर्चों के लिए कुवैती दिनार और चीनी युआन भी खरीद सकते हैं। उसने अपने मैनेजर को आदेश दिया था कि जब भी पैसा खर्च करनो हो तो पहले यूरो, फिर दिनार उसके बाद युआन का इस्तेमाल करना। इन सबसे बाद ही सोना बेचना।

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