A
Hindi News पैसा बिज़नेस पूर्व वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम ने भाजपा पर साधा निशाना, बोले नीतिगत चूक है आर्थिक विफलता का कारण

पूर्व वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम ने भाजपा पर साधा निशाना, बोले नीतिगत चूक है आर्थिक विफलता का कारण

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी की 'प्रशासनिक अक्षमता' और 'नीतिगत चूक' बढ़ते कृषि संकट, बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था की विफलता के लिए जिम्मेदार रही हैं। उन्‍होंने कहा कि किसानों की निराशा गुस्से में बदल गई है और वे विरोध के लिए सड़कों पर आ गए हैं।

P Chidambaram- India TV Paisa P Chidambaram

नई दिल्ली पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी की 'प्रशासनिक अक्षमता' और 'नीतिगत चूक' बढ़ते कृषि संकट, बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था की विफलता के लिए जिम्मेदार रही हैं। उन्‍होंने कहा कि किसानों की निराशा गुस्से में बदल गई है और वे विरोध के लिए सड़कों पर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि कृषि उपज और कृषि श्रम की कमतर मजदूरी का प्रमुख कारण अनौपचारिक मूल्य है। एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर्याप्त नहीं है। हर किसान जानता है कि एमएसपी लागत का 50 प्रतिशत का वादा एक जुमला है।

चिदंबरम ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के सर्वेक्षण में कहा गया है कि 48 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया है कि पिछले 12 महीनों में देश की आर्थिक स्थिति बदतर हुई है। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ी है, जो भाजपा के एक साल में दो करोड़ रोजगार मुहैया कराने के वादे से बिलकुल जुदा है।

चिदंबरम ने सवालिया लहजे में पूछा कि अक्टूबर-दिसंबर 2017 के लिए श्रम ब्यूरो के सर्वेक्षण को जारी क्यों नहीं किया गया? चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी के कारण 2015-16 में विकास दर 8.2 प्रतिशत से घटकर 2017-18 में 6.7 प्रतिशत रह गई।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि 2017-18 के दौरान राज्य में 50,000 एमएसएमई इकाइयां बंद हो गईं, पांच लाख नौकरियां छिन गईं और एमएसएमई क्षेत्र में पूंजीगत निवेश में 11,000 करोड़ रुपए की गिरावट आई।

उन्होंने कहा कि दोषपूर्ण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की वजह से व्यापार का प्रभावित होना जारी है। चिदंबरम ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा कानूनों और कार्यक्रमों को भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने उपेक्षित कर दिया है।

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू नहीं किया गया। मनरेगा अब मांग संचालित नहीं है, वेतन बकाया राशि बढ़ी है। बेमुश्किल 30 फीसदी किसानों को ही फसल बीमा का लाभ मिल रहा है। यह बीमा कंपनियों के लिए अप्रत्याशित है। स्वास्थ्य सुरक्षा योजना एक और जुमला है।

Latest Business News