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Hindi News पैसा बिज़नेस पहली बार पेट्रोल से महंगा हुआ डीजल, लगातार 18 दिन में डीजल का दाम 10.52 रुपए प्रति लीटर बढ़ा

पहली बार पेट्रोल से महंगा हुआ डीजल, लगातार 18 दिन में डीजल का दाम 10.52 रुपए प्रति लीटर बढ़ा

ताजा वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल का दाम 79.76 रुपए पर स्थिर रहा और डीजल का दाम 79.40 रुपए से बढ़कर 79.88 रुपए प्रति लीटर हो गया।

Petrol and diesel prices at Rs 79.76/litre and Rs 79.88/litre today- India TV Paisa Image Source : GOOGLE Petrol and diesel prices at Rs 79.76/litre and Rs 79.88/litre today

नई दिल्‍ली। तेल कंपनियों ने बुधवार को लगातार 18वें दिन डीजल के दाम में वृद्धि की है। राहत की बात यह है कि बुधवार को पेट्रोल की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई और इसके दाम स्थिर रहे। हालांकि संभवत: यह भी पहली बार हुआ है कि राजधानी में डीजल का दाम पेट्रोल से अधिक है। पेट्रोल के दाम में बुधवार को कोई वृद्धि नहीं हुई, लेकिन डीजल का दाम 48 पैसे प्रति लीटर बढ़ाया गया। इससे पहले मंगलवार को पेट्रोल 20 पैसे और डीजल 55 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ था।

ताजा वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल का दाम 79.76 रुपए पर स्थिर रहा और डीजल का दाम 79.40 रुपए से बढ़कर 79.88 रुपए प्रति लीटर हो गया। तेल कंपनियां देशभर में एक साथ दाम बढ़ाती है लेकिन राज्यों में इन पर अलग दर से लगने वाले बिक्री कर अथवा मूल्य वर्धित कर (वैट) की वजह से खुदरा दाम अलग-अलग होते हैं। पिछले 18 दिनों से दोनों ईंधनों के खुदरा दाम में लगातार वृद्धि की जा रही है। इस दौरान पेट्रोल के दाम कुल मिलाकर 8.50 रुपए और डीजल के दाम में 10.52 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हो चुकी है।

कोरोना वायरस और उसके चलते लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान 82 दिनों तक तेल कंपनियों ने पेट्रोल, डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया। उसके बाद 7 जून से दाम में उनकी अंतरराष्ट्रीय लागत के अनुरूप बदलाव किया जाने लगा। इसके बाद पिछले लगातार 18 दिन से दाम बढ़ने का सिलसिला जारी है।

पेट्रोल के मौजूदा दाम में करीब दो तिहाई हिस्सा विभिन्न करों का शामिल है। पेट्रोल के दाम में 32.98 रुपए केंद्रीय उत्पाद शुल्क और 17.71 रुपए प्रति लीटर स्थानीय कर अथवा वैट शामिल है। इसी प्रकार डीजल के दाम में 63 प्रतिशत से अधिक करों का हिस्सा है। इसमें 31.83 रुपए प्रति लीटर केंद्रीय उत्पाद शुल्क और 17.60 रुपए प्रति लीटर वैट का हिस्सा है। सरकार ने जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम गिर रहे थे तब 14 मार्च को पेट्रोल, डीजल दोनों पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की थी। इसके बाद पांच मई को फिर से पेट्रोल पर रिकॉर्ड 10 रुपए और डीजल पर 13 रुपए उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया। इससे सरकार को सालाना आधार पर दो लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।

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