A
Hindi News पैसा बिज़नेस ईंधन में मूल्‍यवृद्धि लगातार जारी, एक लीटर पेट्रोल खरीदने के लिए देने होंगे अब 78.88 रुपए

ईंधन में मूल्‍यवृद्धि लगातार जारी, एक लीटर पेट्रोल खरीदने के लिए देने होंगे अब 78.88 रुपए

पिछले 14 दिनों में पेट्रोल 7.62 रुपए प्रति लीटर और डीजल 8.28 रुपए प्रति लीटर महंगा हो चुका है।

Petrol and diesel prices increase by Re 0.51 and Re 0.61 respectively in Delhi today- India TV Paisa Image Source : GOOGLE Petrol and diesel prices increase by Re 0.51 and Re 0.61 respectively in Delhi today

नई दिल्‍ली। पेट्रोलियम ईंधन के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने शनिवार को लगातार चौदहवें दिन दिल्‍ली में पेट्रोल की कीमत में 51 पैस प्रति लीटर और डीजल के दाम में 61 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की है। इस वृद्धि के बाद राष्‍ट्रीय राजधानी में एक लीटर पेट्रोल का मूल्‍य 78.37 रुपए से बढ़कर 78.88 रुपए और डीजल का दाम 77.06 रुपए से बढ़कर 77.67 रुपए प्रति लीटर हो गया है। कीमत में यह बढ़ोतरी देशभर में की गई हैं लेकिन प्रत्येक राज्य में वैट (मूल्य वर्धित कर) अथवा स्थानीय बिक्री कर के आधार पर इनके दामों में अंतर हो सकते हैं। तेल कंपनियां जून 2017 के बाद से दैनिक आधार पर कीमतों की समीक्षा कर रही हैं।

इससे पहले तेल कंपनियों ने शुक्रवार को पेट्रोल के दाम में 56 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 63 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की थी। पिछले 14 दिनों में पेट्रोल 7.62 रुपए प्रति लीटर और डीजल 8.28 रुपए प्रति लीटर महंगा हो चुका है। कंपनियों ने कीमतों की समीक्षा 82 दिनों तक स्थगित रखने के बाद सात जून से दाम में लागत के हिसाब से फेर-बदल शुरू किया था।

उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोरोना वायरस महामारी के कारण कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ उठाने और अतिरिक्त संसाधन जुटाने के इरादे से सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 3 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। उसके बाद तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने कीमतों की दैनिक समीक्षा रोक दी थी। उसके बाद सरकार ने फिर पांच मई को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए। इस दो बार की वृद्धि से सरकार को 2 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त कर राजस्व प्राप्त हुआ।

तेल कंपनियों ने हालांकि, उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी का भार ग्राहकों पर नहीं डाला, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के साथ उसे समायोजित कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के कारण तेल कीमतों की दैनिक समीक्षा को रोक दिया गया था। अब जबकि बाजार में कुछ हद तक स्थिरता दिखने लगी है दैनिक मूल्य समीक्षा शुरू कर दी गई है।

Latest Business News