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Hindi News पैसा बिज़नेस खर्च कटौती को लेकर पीएम मोदी के दिए निर्देश का दिखा असर, 50 लाख रुपए की हुई बचत

खर्च कटौती को लेकर पीएम मोदी के दिए निर्देश का दिखा असर, 50 लाख रुपए की हुई बचत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सासंदों को खर्च में कटौती के दिए गए निर्देश का असर अब साफ तौर पर दिखने लगा है। संसद की गाड़ियों के खर्च में बचत देखने को मिली है।

MPs vehicle Expenditure । File Photo- India TV Paisa MPs vehicle Expenditure । File Photo

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सासंदों को खर्च में कटौती के दिए गए निर्देश का असर अब साफ तौर पर दिखने लगा है। संसद की गाड़ियों के खर्च में बचत देखने को मिली है। संसद की गाड़ियों के खर्च में हुई बचत 2010 से 2014 की तुलना में 2015 से 2018-19 में एक तिहाई कमी देखने को मिली है। पिछले पांच साल में तकरीबन 50 लाख रुपए की बचत सांसदों के संसद और लुटियंस दिल्ली में आने जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों से की गई है। 

गौरतलब है कि सांसदों के संसद और लुटियंस दिल्ली में आने-जाने के लिए गाड़ियां मुहैया कराई जाती हैं, जिसका खर्च संसद द्वारा ही उठाया जाता है। पीएम मोदी के खर्च में कटौती के निर्देश के चलते सांसदों ने कम से कम सरकारी वाहनों का इस्तेमाल करके लगभग 50 लाख रुएप की बचत की है। 

MPs vehicle Expenditure 

संसद की गाड़ियों के खर्च को लेकर 2010 में 15 लाख, 2011 में लगभग 13 लाख बीस हजार, 2012 में 13 लाख 43 हजार से ज्यादा, 2013 में 13 लाख, 2014 में 14.5 लाख, 2015 में 6 लाख 33 हजार, 2016 में 6 लाख 80 हजार, 2017 में 5 लाख 76 हजार, 2018 में 5 लाख 94 हजार रुपए की बचत की गई है। 

विदेशी दौरों पर भी पीएम मोदी खर्च में करते हैं कटौती 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी दौरों पर भी कोशिश करते हैं कि किसी तरह खर्चों में कटौती की जा सके। बुधवार को लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्राओं में हॉल्ट के दौरान फाइव स्टार होटल में रात गुजारने के बजाय एयरपोर्ट टर्मिनल्स पर ही आराम या नहाने आदि का विकल्प चुनते हैं।
 
अमित शाह ने कहा कि अपने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में पीएम मोदी ने एक बहुत ही अनुशासित व्यवस्था का पालन किया है। शाह ने कहा कि जब भी पीएम मोदी विदेश यात्रा पर जाते हैं तब अपने साथ 20 फीसदी तक कम स्टाफ साथ ले जाते हैं, सिर्फ उन्हीं अधिकारियों को ले जाते हैं जिनका जाना आवश्यक हो।
 
मंत्रियों के विदेश दौरे को भी तभी अनुमति मिलती है जब अनिवार्य हो। मंत्रियों के साथ भी सीमित अधिकारियों को दौरे पर जाने की अनुमति होती है, पर्सनल अधिकारियों में सिर्फ एक। आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के लिए बड़ी संख्या में कारों के इस्तेमाल पर भी उन्होंने लगाम लगाई है। पहले अधिकारी अलग-अलग कारों का में जाते थे, सबके लिए अलग गाड़ियों पर खर्च ज्यादा होता था इसलिए पीएम मोदी ने निर्देश दिया कि या तो तीन-चार लोग एक गाड़ी में बैठें या एक बड़ी गाड़ी करके सभी उसमें बैठें।

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