A
Hindi News पैसा बिज़नेस बिजली की मांग सामान्य स्तर के करीब पहुंची, कारोबारी गतिविधियों में सुधार का असर

बिजली की मांग सामान्य स्तर के करीब पहुंची, कारोबारी गतिविधियों में सुधार का असर

लॉकडाउन के बाद से बिजली खपत में पिछले साल के मुकाबले गिरावट जारी

<p>Power demand</p>- India TV Paisa Image Source : FILE Power demand

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते लागू पाबंदियों से बिजली की मांग में जो गिरावट आयी थी वह अब काफी कम हो गयी है और मांग सामान्य से अब केवल 2.6 प्रतिशत कम है। जून में बिजली की मांग 9.6 प्रतिशत कम थी। इससे पता चलता है कि देश में वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों में सुधार हो रहा है। कोरोना वायरस महामारी पर रोकथाम के लिये मार्च के अंत में पूरे देश में लगाये गये लॉकडाउन के कारण बिजली की मांग में पिछले कुछ महीनों से गिरावट देखी जा रही है। लॉकडाउन में वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों में गिरावट आने से अप्रैल में बिजली की मांग साल भर पहले की तुलना में करीब 25 प्रतिशत कम रही थी। बाद में लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील की शुरुआत से मांग में सुधार होना शुरू हुआ। मई में बिजली की मांग साल भर पहले की तुलना में 8.82 प्रतिशत कम रही थी।

 

विशेषज्ञों ने उम्मीद जतायी है कि इस साल अगस्त तक बिजली की मांग सामान्य स्तर पर पहुंच जाएगी। अनलॉक 2.0 से आर्थिक गतिविधियों के लगभग सामान्य स्तर पर आ जाने की उम्मीद है, जिसका असर बिजली की मांग के आंकड़ों में भी दिखेगा। बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बिजली की उच्चतम मांग दो जुलाई को 170.54 गीगावाट दर्ज की गयी, जो जुलाई 2019 के 175.12 गीगावाट से महज 2.61 प्रतिशत कम है। बिजली की उच्चतम मांग एक जुलाई को 166.78 गीगावाट, तीन जुलाई को 168.74 गीगावाट और चार जुलाई को 160.83 गीगावाट रही। इससे पहले बिजली की उच्चतम मांग जून में 164.94 गीगावाट, मई में 166.42 गीगावाट और अप्रैल में 132.77 गीगावाट रही थी। किसी भी अवधि के दौरान सबसे व्यस्त समय में बिजली की जो खपत दर्ज की जाती है, उसे उस अवधि के लिये बिजली की उच्चतम मांग कहा जाता है।

Latest Business News