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Hindi News पैसा बिज़नेस दिल्ली में बिजली की कमी के कारण नहीं हुई कोई कटौती, देखिए विद्युत मंत्रालय की फैक्टशीट

दिल्ली में बिजली की कमी के कारण नहीं हुई कोई कटौती, देखिए विद्युत मंत्रालय की फैक्टशीट

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "दिल्ली में विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) से मिली जानकारी के मुताबिक, बिजली की कमी के कारण बिजली की कोई कटौती नहीं हुई

<p>दिल्ली में बिजली की...- India TV Paisa Image Source : FILE दिल्ली में बिजली की कमी के कारण नहीं हुई कोई कटौती, देखिए विद्युत मंत्रालय की फैक्टशीट

नयी दिल्ली। देश भर में कोयले की कमी के काण बिजली उत्पादन में कटौती की खबरें आ रही हैं। इस बीच दिल्ली में भी बिजली कटौती का डर पैदा हो गया है। लेकिन फिलहाल दिल्ली में बिकमीजली का कोई भी संकट नहीं है। राजधानी को मांग के अनुरूप सप्लाई की जा रही है। 

विद्युत मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में बिजली की कमी के कारण कोई कटौती नहीं हुई है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "दिल्ली में विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) से मिली जानकारी के मुताबिक, बिजली की कमी के कारण बिजली की कोई कटौती नहीं हुई, क्योंकि उन्हें जरूरी मात्रा में बिजली की आपूर्ति की गयी थी।" 

दिल्ली में नहीं है बिजली की कमी

बिजली मंत्रालय के आंकड़ों में बताया गया है कि 11 अक्टूबर, 2021 को दिल्ली की अधिकतम मांग 4,683 मेगावाट (अधिकतम) और 101.9 एमयू (ऊर्जा) थी। दिल्ली में बिजली आपूर्ति से जुड़ी एक फैक्टशीट के अनुसार 26 सितंबर से 11 अक्टूबर तक शहर में बिजली की कोई कमी नहीं थी। बयान के मुताबिक, 11 अक्टूबर को दिल्ली में 101.1 एमयू की जरूरत के मुकाबले 101.9 एमयू (दस लाख यूनिट) बिजली उपलब्ध थी। 

मांग के अनुरूप है सप्लाई 

इसमें कहा गया कि 26 सितंबर से 10 अक्टूबर तक दिल्ली में ऊर्जा की जरूरत और उपलब्धता समान थी। वहीं सोमवार को बिजली की उपलब्धता जरूरत से अधिक रही। इससे यह भी पता चला कि इस अवधि के दौरान बिजली की अधिकतम मांग और अधिकतम बिजली की मांग की पूर्ति (आपूर्ति) भी समान रही। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में डिस्कॉम ने उन्हें उपलब्ध करायी गयी बिजली से कम बिजली ली। 

2 से 3 हफ्ते में सामान्य हो जायेगी स्थिति

देश में कोयले की किल्लत जैसी कोई स्थिति नहीं है, वहीं बिजली संयंत्रों में कोयला स्टॉक की स्थिति अगले 2 से 3  हफ्ते में सामान्य हो जायेगी। सरकार के सूत्रों ने ये जानकारी दी है। सूत्रों की माने तो भले ही प्रदेश मौजूदा संकट में केन्द्र पर जिम्मेदारी डालने की कोशिश कर रहे हों लेकिन सच्चाई ये है कि प्रदेशों के अपने रवैये से पावर प्लांट के कोयला स्टॉक में गिरावट देखने को मिली है। 

कोयले की सप्लाई की क्या है स्थिति

सरकारी सूत्र के मुताबिक मांग को देखते हुए कोयले की कोई कमी नहीं है। पावर प्लांट से जितनी मांग आ रही है उतनी आपूर्ति की जा रही है। पिछले 4 दिनों से पावर प्लांट में स्टॉक बढ़ना शुरू हो गया है। उम्मीद है कि 15-20 दिनों से लेकर एक माह में स्टॉक सामान्य हो जायेंगे। सूत्र ने जानकारी दी कि अगले 5 से 7 दिन में 20 लाख टन कोयला प्रतिदिन की सप्लाई शुरू हो जायेगी।  अभी तक 15.7  लाख टन कोयले का उत्पादन प्रतिदिन हो रहा था जिसे बढ़ाकर 19.4 लाख टन कर दिया गया है। जल्दी ही कोयले की 20 लाख टन प्रतिदिन की सप्लाई शुरू होगी । पावर प्लांट तक कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये रेलवे की साढ़े तीन सौ रैक की उपलब्धता कर दी गयी है। फिलहाल 294 रैक का इस्तेमाल हो रहा है।

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