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जानिए बीते एक हफ्ते में क्या कुछ हो गया महंगा, आम आदमी कैसे दबा बढ़ते खर्च के बोझ तले

महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले एक हफ्ते में पेट्रोल-डीजल से लेकर खाना तक सब कुछ महंगा हो गया है।

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नई दिल्ली। महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। महंगी दालों से राहत की उम्मीद लगाए बैठे लोगों के लिए सरकार ने स्वच्छता के नाम पर 0.5 फीसदी का स्वच्छ भारत टैक्स (सेस) लगाकर एक और झटका दे दिया। इससे रेल और हवाई यात्रा, मोबाइल बिल, रेस्टोरेन्ट में खाना खाने जैसी कुल 120 सेवाएं महंगी हो गई है। रविवार की सुबह लागू हुए इस नए टैक्स के बाद शाम को ही तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा कर दिया जिससे मंहगाई की लपटों का और ऊंचा होना तय है। इस सबके बीच बदलते मौसम की धुंध ने उत्तर भारत में सब्जियों के दाम भी बढ़ा दिए। दो टूक समझिए तो सरकारी आंकड़ें, दुकान पर राशन, मंडियों में सब्जियां, बदलता मौसम और भी बहुत कुछ अब यही संकेत दे रहा है कि महंगाई के दानव का आकार दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।

120 सेवाएं हो गई महंगी

देश में स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए सभी टैक्स के दायरे में आने वाले सेवाओं पर सरकार ने 0.5 फीसदी स्वच्छ भारत टैक्स (सेस) लगा दिया है। इससे रेल और हवाई यात्रा, मोबाइल बिल, रेस्त्रां में खाना समेत कुल 120 सेवाएं महंगी हो गई हैं। इन सेवाओं पर पहले 14 फीसदी टैक्स देना पड़ता था। लेकिन, अब यह बढ़कर 14.50 फीसदी हो गया है। नीति आयोग में मुख्यमंत्रियों के समूह ने स्वच्छता अभियान के लिए पेट्रोल, डीजल पर दो फीसदी सेस लगाने की सिफारिश की। इसके कारण माल ढुलाई भी महंगा हो जाएगा।

पेट्रोल 36 पैसे और डीजल 87 पैसे प्रति लीटर हुआ महंगा

तेल कंपनियों ने आम उपभोक्‍ताओं को एक बार फिर झटका दिया है। रविवार को तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमतें 36 पैसे और डीजल 87 पैसे प्रति लीटर बढ़ाने की घोषणा की है। पेट्रोल और डीजल की नई दरें रात 12 बजे से लागू हो गई है। गौरतलब है कि सरकार ने इसी महीने पेट्रोल पर 1.60 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 40 पैसा प्रति लीटर की एक्‍साइज ड्यूटी बढ़ाई है। पिछले एक साल में सरकार ने पांचवीं बार पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्‍साइज ड्यूटी में वृद्धि की है। इसकी वजह से तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा किया है।

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आंकड़ों में भी डराती महंगाई

दाल, दूध, तेल और मसालों की कीमत बढ़ने और त्‍योहारी सीजन में औद्योगिक मांग बढ़ने से अक्‍टूबर माह में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5 फीसदी हो गई है, जो कि इससे पहले सितंबर में 4.41 फीसदी थी। पिछले चार माह में अक्‍टूबर माह की महंगाई दर सबसे ज्‍यादा है। महंगाई बढ़ने की वजह से आरबीआई की नीतिगत दरों में कटौती होने की संभावना भी कम हो गई है। आरबीआई अगले महीने अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा करने वाली है। भारत में खुदरा महंगाई धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन प्रमुख खाद्य वस्‍तुओं की कीमतों में बढ़ोत्‍तरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के लिए चुनौती भी है।

उत्तर भारत में चढ़े सब्जियों के दाम

बदलते मौसम के कारण सप्लाई बाधित होने की वजह से उत्तर भारत के तमाम राज्यों में सब्जियों के दाम चढ़ने लगे हैं। चंडीगढ़ सहित पंजाब और हरियाणा में हरी मटर और टमाटर जैसी सब्जियों की कीमतों में भारी उछाल दर्ज की गई। व्यापारियों ने बाताया कि मटर के भाव चढ़कर अब तक के उच्चतम स्तर 160 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। वहीं, खुदरा बाजारों में टमाटर के भाव 40 रुपए प्रति किलो से चढ़कर इस 60 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। कारोबारियों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश से कम सप्लाई का असर सब्जियों के भावों पर पड़ा है।

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