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न्‍यूनतम बैलेंस न होने पर जुर्माना वसूलने को SBI ने बताया उचित, कहा जन-धन खातों के लिए है पैसे की जरूरत

खातों में न्‍यूनतम बैलेंस न रखने पर एक अप्रैल से जुर्माना वसूलने के निर्णय को भारतीय स्‍टेट बैंक (SBI) ने बुधवार को अपने कदम को सही ठहराया है।

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मुंबई। खातों में न्‍यूनतम बैलेंस न रखने पर एक अप्रैल से जुर्माना वसूलने के निर्णय की देश भर में हो रही आलोचना के बीच भारतीय स्‍टेट बैंक (SBI) ने बुधवार को अपने इस कदम को उचित ठहराया है। बैंक ने कहा है कि जीरो बैलेंस वाले जन-धन खातों के प्रबंधन के बोझ को संतुलित करने के लिए कुछ शुल्‍क लगाने की जरूरत है।

बैंक ने यह भी कहा है कि जुर्माने पर पुर्नविचार करने के संबंध में उसे सरकार की ओर से कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है। बैंक ने कहा है कि यदि ऐसा कोई संदेश आता है तो वह पुर्नविचार करने को तैयार है। बैंक ने यह भी स्‍पष्‍ट किया है कि यह जुर्माना जन-धन खातों पर लागू नहीं होगा।

पिछले हफ्ते देश के सबसे बड़े बैंक ने खातों में न्‍यूनतम राशि न रखने पर जुर्माना वसूलने की घोषणा की थी। इसके अलावा बैंक ने अन्‍य सेवाओं के लिए शुल्‍कों में भी संशोधन किया है।

  • नए शुल्‍क एक अप्रैल से लागू होंगे।
  • बैंक के इस कदम का हर कोई विरोध कर रहा है।

एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि,

आज हमारे ऊपर बहुत बोझ है। हमारे पास 11 करोड़ जन-धन खाते हैं। इतनी अधिक संख्‍या में जन-धन खातों का प्रबंधन करने के लिए हमें कुछ शुल्‍क लगाने की आवश्‍यकता है। हमने कई मुद्दों पर विचार किया और सावधानी पूर्वक विश्‍लेषण करने के बाद हमनें यह फैसला लिया।

  • नए नियमों के तहत खातों में मासिक औसत बैलेंस न रखने पर 100 रुपए और सर्विस टैक्‍स का जुर्माना लगाया जाएगा।
  • मेट्रो शहरों में न्‍यूनतम राशि 5,000 रुपए है और इसमें 75 फीसदी कमी पर 100 रुपए और सर्विस टैक्‍स मिलाकर जुर्माना लगेगा।
  • यदि न्‍यूनतम राशि में 50 प्रतिशत कमी होगी तो जुर्माने के रूप में 50 रुपए और सर्विस टैक्‍स वसूला जाएगा।
  • भट्टाचार्य ने कहा कि सभी बैंकों में खातों में न्‍यूनतम राशि रखना अनिवार्य है लेकिन एसबीआई में यह सीमा सबसे कम है।
  • उन्‍होंने कहा कि यह जुर्माना पहले भी लगता था लेकिन एसबीआई अकेला ऐसा बैंक है जिसने 2012 में इसे खत्‍म कर दिया था।
  • उन्‍होंने कहा कि हमारा विश्‍लेषण यह बताता है कि अधिकांश खाताधारक अपने खाते में मासिक आधार पर 5,000 रुपए से अधिक की राशि रखते हैं, ऐसे में उन्‍हें जुर्माने की कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।

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