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Coronavirus के खिलाफ लड़ाई में आगे आया SBI, 2.5 लाख से ज्यादा कर्मचारी करेंगे 100 करोड़ की मदद

पीएम मोदी ने देशवासियों से इस लड़ाई में आर्थिक योगदान की अपील की है, जिसके बाद आम लोगों से लेकर बड़ी हस्थियां और संस्थाए आगे आकर खुलकर दान कर रही हैं।

SBI- India TV Paisa Image Source : TWITTER Coronavirus के खिलाफ लड़ाई में आगे आया SBI

नई दिल्ली. इस वक्त पूरा देश कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। पीएम मोदी ने देशवासियों से इस लड़ाई में आर्थिक योगदान की अपील की है, जिसके बाद आम लोगों से लेकर बड़ी हस्थियां और संस्थाए आगे आकर खुलकर दान कर रही हैं। इस कड़ी में अब SBI का नाम भी जुड़ गया है। SBI की तरफ से कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में करीब 100 करोड़ रुपये का योगदान किया जाएगा।

State Bank of India की तरफ से जारी बयान में कहा गया, "COVID19 के खिलाफ लड़ाई में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के लगभग 2,56,000 कर्मचारियों ने PM के राष्ट्रीय राहत कोष में दो दिन के वेतन का योगदान करने का निर्णय लिया है। इस सामूहिक प्रयास से #PMCARES कोष में 100 करोड़ रुपये का योगदान दिया जाएगा।"

डालमिया भारत ने प्रधानमंत्री केयर्स कोष में दिए 25 करोड़ रुपये

प्रमुख व्यावसायिक समूह डालमिया भारत ने प्रधानमंत्री केयर्स कोष में 25 करोड़ रुपये का दान दिया है। यह कोष कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए बनाया गया है। समूह के प्रबंध निदेशक पुनीत डालमिया ने बयान में कहा, ‘‘देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने असाधारण कार्य किया है। हम प्रधानमंत्री केयर्स कोष में अपनी ओर से 25 करोड़ रुपये का छोटा सा अंशदान करते हुए अपने दायित्व का निर्वाह कर रहे हैं।’’

कंपनी ने कहा कि वह उन सभी ठेका मजदूरों को रसद और आवास उपलब्ध करा रही है जो देशव्यापी लॉकडाउन (सार्वजनिक पाबंदी) के चलते फंस गए हैं। इसके अलावा कंपनी स्थानीय नगर पालिकाओं और पुलिस को रोजाना 100 से अधिक खाने के पैकेट दे रही है, ताकि उसके संयंत्र के आसपास वाले इलाकों में समुदायों को भोजन मिल सके।

समूह ने अपने सभी संयंत्रों के खेल मैदान, अतिथि गृह और प्रौद्योगिकी केंद्र स्थानीय प्राधिकरणों को देने की भी प्रतिबद्धता जतायी है ताकि कोरोना वायरस से जुड़े मामलों को नियंत्रित करने में इन सुविधाओं का उपयोग हो सके। कंपनी के कारखानों की कैंटीनों में भी संबंधित क्षेत्रों में स्थानीय वितरण हेतु भोजन तैयार कराया जा रहा है। कंपनी के कर्मचारियों को किसी अनिश्चिता का सामना ना करना पड़े इसके लिए उन्हें पहले ही वेतन दे दिया गया है। जबकि ठेके के श्रमिकों को दो महीनों के लिए भुगतान किया जा रहा है।

इनपुट- भाषा

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