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Sebi ने FPI और निवेश ट्रस्‍टों के लिए नियम किए उदार, PE का दुरुपयोग रोकने के लिए उठाए कई कदम

Sebi ने एफपीआई को कॉरपोरेट बांड में सीधे निवेश की पेशकश करते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट निवेश ट्रस्‍टों के जरिये कोष जुटाने के नियमों को उदार किया!

Sebi ने FPI और निवेश ट्रस्‍टों के लिए नियम किए उदार, PE का दुरुपयोग रोकने के लिए उठाए कई कदम- India TV Paisa Sebi ने FPI और निवेश ट्रस्‍टों के लिए नियम किए उदार, PE का दुरुपयोग रोकने के लिए उठाए कई कदम

मुंबई। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi ) ने पूंजी बाजारों को अधिक गहरा बनाने के लिए बेहतर तरीके से विनियमित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को कॉरपोरेट बांड में सीधे निवेश की पेशकश करते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट निवेश ट्रस्‍टों के जरिये कोष जुटाने के नियमों को उदार किया है।

इसके साथ ही नियामक ने निजी इक्विटी (पीई) करारों का दुरुपयोग रोकने के लिए कई कदमों की घोषणा की है। इसके अलावा नियामक ने थोक एसएमएस, ईमेल और नई उभरती तकनीनों जैसे गेम्स, प्रतियोगिताएं और ट्रेडिंग लीग पर भी प्रतिबंध का प्रस्ताव किया है, जिससे भोलेभाले निवेशकों को लालच देने वाली धोखाधड़ी की गतिविधियों से बचाया जा सके।

सेबी के अन्‍य फैसले

  •  विदेशी निवेशकों को घरेलू शेयर और जिंस एक्सचेंजों में 15 फीसदी तक हिस्सेदारी रखने की अनुमति दी।
  • इस कदम का मकसद अधिक विदेशी कोष आकर्षित करना है।
  • अभी तक विदेशी इकाइयों को एक्‍सचेंज में सिर्फ पांच फीसदी हिस्सेदारी रखने की अनुमति थी।
  • कंपनियों को सार्वजनिक पेशकश में अपने कर्मचारियों को अधिक शेयर आवंटित करने की अनुमति दी है।
  • स्टाफ कोटा के तहत कर्मचारियों को पांच लाख रुपए तक के शेयर आवंटित किए जा सकते हैं। अभी तक यह सीमा दो लाख रुपए है।
  • सेबी ने मर्चेंट बैंकरों, निवेश सलाहकारों, शोध विश्लेषकों तथा आठ अन्य श्रेणी की बाजार इकाइयों को स्थायी पंजीकरण उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
  • रीट्स और इनविट्स के नियमों को और उदार बनाया गया है, पूंजी जुटाने के लिए यह उत्‍पाद अब अध्‍ािक आकर्षक बन गए हैं।
  • बेहतर नियमन वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को बांड बाजार में बिना ब्रोकर के सीधे कारोबार करने की अनुमति।
  • श्रेणी एक और श्रेणी दो के एफपीआई को बिना ब्रोकरों के सीधे कॉरपोरेट बांड बाजार में खरीद फरोख्त की अनुमति होगी।

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