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Hindi News पैसा बिज़नेस सुनीत शर्मा ने संभाला रेलवे बोर्ड के नए चेयरमैन और CEO का पदभार, वीके यादव हुए रिटायर्ड

सुनीत शर्मा ने संभाला रेलवे बोर्ड के नए चेयरमैन और CEO का पदभार, वीके यादव हुए रिटायर्ड

कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने गुरुवार को सुनीत शर्मा को रेलवे बोर्ड का नया चेयरमैन और सीईओ के रूप में नियुक्ति को अपनी मंजूरी दी है।

Suneet Sharma takes charge as new Railway Board Chairman & CEO- India TV Paisa Image Source : MINISTRYOFRAILWAY@TWITTER Suneet Sharma takes charge as new Railway Board Chairman & CEO

नई दिल्‍ली। वरिष्‍ठ रेलवे अधिकारी सुनीत शर्मा को रेलवे बोर्ड का नया चेयरमैन और सीईटो नियुक्‍त किया गया है। वह वीके यादव की जगह लेंगे। वीके यादव का विस्‍तारित कार्यकाल गुरुवार 31 दिसंबर, 2020 को समाप्‍त हो गया है। पूर्व ईस्‍टर्न रेलवे जनरल मैनेजर रहे शर्मा 1978 बैच के एक स्‍पेशल क्‍लास रेलवे अप्रेंटिस ऑफ‍िसर हैं। वीके यादव पुर्नगठित रेलवे बोर्ड के पहले सीईओ थे। वह 31 दिसंबर, 2019 को सेवानिवृत्‍त हो गए थे लेकिन उन्‍हें एक साल का सेवा विस्‍तार दिया गया था। शर्मा को रेलवे में नए बेंचमार्क स्‍थापित करने के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने सहित विभिन्‍न एडमिनिस्‍ट्रेटिव सुधारों के लिए जाना जाता है।

कैबिनेट की नियुक्ति सम‍िति ने गुरुवार को सुनीत शर्मा को रेलवे बोर्ड का नया चेयरमैन और सीईओ के रूप में नियुक्‍ति को अपनी मंजूरी दी है। इससे पहले शर्मा ईस्‍टर्न रेलवे के जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत थे और वे यहां सितंबर 2019 से जिम्‍मेदारी निभा रहे थे। शर्मा ने 1979 में भारतीय रेलवे को ज्‍वॉइन किया था।

आईआईटी कानपुर से मेकैनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्‍नाकोत्‍तर शर्मा ने भारतीय रेलवे को विभिन्‍न जिम्‍मेदारियों के साथ 40 साल तक अपनी सेवाएं दी हैं।  डीजल लोकोमोटिव वर्क्‍स, वाराणसी में चीफ मेकैनिकल इंजीनियर के रूप में वह इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्रोडक्‍शन को शुरू करने वाली टीम के लीडर थे। उनके नेतृत्‍व में ही डीजल से इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव कन्‍वर्जन को रिकॉर्ड टाइम में दुनिया में पहली बार अंजाम दिया गया।

ईस्‍टर्न रेलवे में जनरल मैनेजर के कार्यकाल के दौरान शर्मा ने माल गाडि़यों की रफ्तार को एक रिकॉर्ड स्‍तर तक बढ़ाने की दिशा में पहल की और नई लाइन व इलेक्ट्रिफ‍िकेशन जैसे कई इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍ट्स को पूरा किया जिससे न केवल परिचालन दक्षता बढ़ी बल्कि स्‍थानीय इलाकों का विकास भी हुआ। उन्‍हें रेलवे में ईज ऑफ वर्किंग और एडमिनिस्‍ट्रेटिव सुधारों के लिए सिस्‍टमेटिक बदलाव लाने के लिए जाना जाता है।

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