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Clear Voice: ट्राई का बड़ा फैसला, कॉल ड्रॉप पर ग्राहकों को मिलेगा प्रति कॉल एक रुपए का हर्जाना

टेलीकॉम रेग्‍यूलेटर ट्राई ने शुक्रवार को टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक जनवरी 2016 से कॉल ड्रॉप के लिए एक रुपए का जुर्माना अनिवार्य बनाने की घोषणा की है।

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नई दिल्‍ली। अब अगर आपका कॉल ड्रॉप होगा, तो इसके लिए आपको टेलीकॉम कंपनियां भुगतान करेंगी। टेलीकॉम रेग्‍यूलेटर ट्राई ने शुक्रवार को टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक जनवरी 2016 से कॉल ड्रॉप के लिए एक रुपए का जुर्माना अनिवार्य कर दिया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार (TRAI) ने एक बयान में कहा कि हालांकि यह जुर्माना एक दिन में तीन कॉल ड्रॉप तक ही सीमित होगा। इसका मतलब है कि एक दिन में कंपनियों को अधिकतम तीन रुपए तक का जुर्माना कॉल ड्रॉप होने पर भरना पड़ेगा।

एक महीने में मिलेंगे 90 रुपए

टेलीकॉम रेग्‍यूलेटर ट्राई ने कहा है की कंपनियों को एक दिन में अधिकतम 3 कॉल ड्राप के लिए पैसा देना होगा। इसका मतलब हुआ कि एक दिन में अधिकतम 3 रुपए। इस हिसाब से महीने का हुअा 90 रुपए। अगर आपके नेटवर्क पर खूब कॉल ड्राप होती है तो भी आपको महीने में अधिकतम 90 रुपए ही मिलेंगे।

कॉल ड्रॉप पर कौन रखेगा नजर

टेलीकॉम कंपनियां ही तय करेंगी की कॉल ड्राॅप है या नहीं। टेलीकॉम कंपनियों के पास ऐसा सिस्टम मौजूद है, जिससे ये पता चल जाता है की कब टेक्‍नीकल दिक्कत की वजह से कॉल ड्राॅप हुई है। कॉल ड्राॅप का सिस्टम लागू करने के लिए ही कंपनियों को दिसंबर अंत तक का समय दिया गया है।

कॉल ड्रॉप का पैसा मिलेगा कैसे

ट्राई के नोटिफिकेशन के मुताबिक, प्रीपेड ग्राहकों को टेलीकॉम कंपनियां कॉल ड्राॅप होने पर 4 घंटे के अंदर SMS भेजकर बताएंगी की आपकी कॉल ड्राप हुई थी और आपके अकाउंट में इतने पैसे भेज दिए गए हैं। पोस्टपेड ग्राहकों के मामले में उनके मासिक बिल में कॉल ड्राॅप का ब्यौरा दिया जाएगा और बिल की रकम से कॉल ड्राॅप की रकम को कम कर दिया जाएगा।

टेलीकॉम कंपनियां आईं विरोध में

टेलीकॉम कंपनियां ट्राई के इस कदम का विरोध कर रही हैं। सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (COAI) का कहना है की ट्राई की इस रूलिंग से हम बेहद निराश हैं। ट्राई की ये रूलिंग टेलीकॉम कंपनियों के लाइसेंस नियमों के खिलाफ है। लाइसेंस नियम कहते हैं की टेलीकॉम कंपनियों को 90% कवरेज देना होगा। कंपनियों को आउटडोर कवरेज देना होगा। यानी, की कंपनियां इंडोर कवरेज देने के लिए बाध्य नहीं हैं। इसके अलावा लाइसेंस नियम कहते हैं की ब्लॉक स्तर से आगे सिर्फ 30% कवरेज देना ज़रूरी है।  COAI का कहना है की बहुत से ऐसे हैंडसेट होते हैं, जिनकी सिग्नल कैच करने की क्षमता दूसरे हैंडसेट के मुकाबले कम होती है। ऐसे में अगर कॉल ड्राॅप हैंडसेट की कमी की वजह से होती है तो फिर कंपनी क्यों हर्जाना भरे। वहीं अगर कॉल ड्राप कॉल रिसीव करने वाले ग्राहक के नेटवर्क की वजह से होगी तो फिर कॉल करने वाले ग्राहक की कंपनी क्यों हर्जाना भरे?
सर्विस में होगा सुधार

ट्राई ने कहा है कि उसका मानना है कि इस प्रणाली से ग्राहकों को कुछ हद तक कॉल ड्रॉप की समस्या से निजात मिलेगी और टेलीकॉम ऑपरेटर्स को अपनी सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी। ट्राई ने कहा कि वह इस फैसले के कार्यान्वयन और कॉल ड्रॉप की समस्या कम करने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर्स की पहलों पर कड़ी निगाह रखेगा और छह महीने के बाद इसी समीक्षा भी कर सकता है।

खराब सेवाओं के लिए 2 लाख तक का जुर्माना

नियमों को कड़ा करते हुए ट्राई ने खराब मोबाइल सेवाओं के लिए जुर्माना राशि बढ़ाकर 2 लाख रुपए तक कर दी है। अगर कंपनियां सेवा गुणवत्ता के लिए निर्धारित मानदंडों को लगातार दो या अधिक तिमाहियों तक पूरा करने में नाकाम रहती हैं तो जुर्माना राशि दो लाख रुपए तक होगी।  नियमों के तहत ट्राई के सेवा गुणवत्ता मानदंडों में कॉल ड्राप, मोबाइल टॉवरों की उपलब्धता, कॉल कनेक्शन के लिए लगने वाला समय, नेटवर्क कंजेशन, आवाज की गुणवत्ता तथा नेटवर्क संबंधी मुद्दे शामिल होंगे। इसके अलावा उपभोक्ता संबंधी मुद्दे भी इसमें शामिल होंगे जिसमें शिकायतों का निपटान, गलत तरीके से वसूली गई राशि को लौटाना तथा कॉल सेंटर तक पहुंच आदि शामिल हैं। मौजूदा नियमों के तहत पहले उल्लंघन में जुर्माना 50,000 रुपए तक है तथा नेटवर्क संबंधी गुणवत्ता मानदंडों के मामले में बार-बार विफलता पर एक लाख रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान है। हालांकि उपभोक्ता संबंधी मामलों में जुर्माना 50,000 रुपए तक सीमित है।

दूरसंचार ग्राहकों की संख्या 101 करोड़ हुई

मोबाइल फोन धारकों की संख्या में वृद्धि के कारण भारत में दूरसंचार ग्राहकों की संख्या अगस्त में 101 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। ट्राई ने अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा है भारत में जुलाई के आखिर से अगस्त के आखिर तक दूरसंचार ग्राहकों की संख्या 100.931 करोड़ से बढ़कर 101.470 करोड़ हो गई, जो 0.53 फीसदी की मासिक वृद्धि को दिखलाता है।

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