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Hindi News पैसा बिज़नेस फेडरल रिजर्व ने पॉलिसी दरों में नहीं किया बदलाव, अर्थव्यवस्था संभालने के लिए हर संभव कदम उठाने पर जोर

फेडरल रिजर्व ने पॉलिसी दरों में नहीं किया बदलाव, अर्थव्यवस्था संभालने के लिए हर संभव कदम उठाने पर जोर

प्रमुख ब्याज दरें 0 से 0.25 फीसदी के दायरे के बीच अपरिवर्तित

<p class="MsoNormal" style="background: white;"><span...- India TV Paisa Image Source : AP IMAGES US Federal Reserve keeps benchmark interest rate at zero

नई दिल्ली। फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने ब्याज दरों को शून्य के करीब रखते हुए दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। प्रमुख ब्याज दरें 0 से 0.25 फीसदी के दायरे के बीच अपरिवर्तित रखी गई हैं। इसके साथ ही फेडरल रिजर्व ने कहा कि वो महामारी के बीच अमेरिकी अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार है। फेडरल रिजर्व ने कहा कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी इस बात पर तय होगी कि कोरोना वायरस संकट पर नियंत्रण कब होता है। फेडरल रिजर्व ने साफ संकेत दिए कि जब तक जरूरी होगा दरें शून्य के करीब के स्तर पर ही बनाई रखी जा सकती हैं।

 

दो दिन की बैठक के बाद जारी स्टेटमेंट में फेडरल रिजर्व ने कहा कि अर्थव्यव्स्था की दिशा वायरस की चाल पर निर्भर करेगी। फेड के मुताबिक आर्थिक गतिविधियों और रोजगार के क्षेत्र में तेज गिरावट के बाद कुछ सुधार देखने को मिला है, हालांकि अभी भी वो साल के शुरुआती स्तर से काफी नीचे हैं। फेड ने एक बाऱ फिर से दोहराया कि महामारी ने मध्यम अवधि के लिए अर्थव्यवस्था के आउटलुक पर काफी जोखिम बढ़ा दिया है. और फेडरल फंड्स की दरें तब कर शून्य के करीब बनी रह सकती हैं जब तक इस बात का भरोसा नहीं होता कि अर्थव्यवस्था मुश्किलों से निकल चुकी है और अधिकतम रोजगार और कीमतों में स्थिरता के लक्ष्य की तरफ बढ़ने लगी है। इसके साथ ही फेडरल रिजर्व ने अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए आने वाले समय में नए कदम उठाने के भी संकेत दिए, जिससे सिस्टम में नकदी का प्रवाह बेहतर कर अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके।

दरों को शून्य के करीब बनाए रखने का फैसला बैठक में एकमत होकर लिया गया। फेडरल रिजर्व महामारी की शुरुआत से ही अपने बेंचमार्क दरों के शून्य के स्तर के करीब बनाए हुए है। इसके साथ ही फाइनेंशियल मार्केट को सहारा देने के लिए कई योजनाओं का भी ऐलान किया है। इन कदमों से निवेशकों को बाजार में बने रखने में मदद मिली है। हालांकि कोरोना के मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या से रिकवरी को लेकर नई चिंताएं सामने आ रही हैं। 

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