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Uttarakhand Avalanche: NTPC ने कहा तपोवन पनबिजली परियोजना को पहुंचा नुकसान, नेशनल ग्रिड को कम मिलेगी बिजली

एनटीपीसी ने ट्वीट कर बताया कि उत्तराखंड में तपोवन के पास एक हिमस्खलन ने क्षेत्र में हमारी निर्माणाधीन पनबिजली परियोजना के एक हिस्से को नुकसान पहुंचाया है।

Uttarakhand Avalanche: NTPC says Tapovan hydro project damages- India TV Paisa Image Source : PTI Uttarakhand Avalanche: NTPC says Tapovan  hydro project damages

नई दिल्‍ली।  सरकारी बिजली कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) ने कहा कि उत्तराखंड में तपोवन के पास हिमस्खलन (Uttarakhand Avalanche) ने उसकी निर्माणाधीन पनबिजली परियोजना को नुकसान पहुंचाया है। उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में एक ग्लेशियर टूट गया, जिससे धौली गंगा नदी में बाढ़ आ गई और इसके किनारे रहने वाले लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया। ऐसा कहा जा रहा है कि इससे बड़े पैमाने पर नुकसान की आशंका है।

एनटीपीसी ने ट्वीट कर बताया कि उत्तराखंड में तपोवन के पास एक हिमस्खलन ने क्षेत्र में हमारी निर्माणाधीन पनबिजली परियोजना के एक हिस्से को नुकसान पहुंचाया है। बचाव अभियान जारी है, जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। तपोवन विष्णुगढ़ बिजली संयंत्र 520 मेगावॉट की एक नदी परियोजना है, जो उत्तराखंड के चमोली जिले में धौलीगंगा नदी पर बनाई जा रही है। कंपनी ने बताया कि उसकी कुल वाणिज्यिक क्षमता वर्तमान में 5151310 मेगावॉट और समूह की वाणिज्यिक क्षमता 63925 मेगावॉट है।

नेशनल ग्रिड को बिजली आपूर्ति में 200 मेगावॉट की कटौती  

उत्‍तराखंड में  हिमस्‍खलन के बाद स्‍थानीय प्रशासन द्वारा सावधानी के चलते टेहरी और कोटेश्‍वर में दो बिजली संयंत्रों के बंद करने से नेशनल ग्रिड को मिलने वाली बिजली में लगभग 200 मेगावॉट की कटौती हुई है। प्रभावित इलाके में स्थित जल विद्युत संयंत्र में से अधिकांश या तो निर्माणाधीन हैं या वे छोटी जल विद्युत परियोजना श्रेणी में आते हैं, जिनकी क्षमता 25 मेगावॉट है। अधिकांश छोटे बिजली संयंत्र राज्‍य सरकार के अधीन हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि सभी बड़ी विद्युत परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं ऐसे में वहां से बिजली आपूर्ति में कोई बाधा आने का सवाल ही नहीं उठता। एनटीपीसी के एक बड़ी जल विद्युत परियोजना के पूरी तरह से बह जाने के कारण कंपनी को करोड़ों रुपये का बड़ा नुकसान हुआ है।

टेहरी (1000मेगावॉट) और कोटेश्‍वर (400मेगावॉट) परियोजनो का संचालन टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जाता है, जो एनटीपीसी की ही एक इकाई है। पिछले साल एनटीपीसी ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में सरकार की 74.496 प्रतिशत हिस्‍सेदारी 7500 करोड़ रुपये में खरीदी थी।     

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