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Hindi News पैसा बिज़नेस वोडाफोन आइडिया बाजार से जुटाएगी 25,000 करोड़ रुपये, बोर्ड ने दी मंजूरी

वोडाफोन आइडिया बाजार से जुटाएगी 25,000 करोड़ रुपये, बोर्ड ने दी मंजूरी

कंपनी के मुताबिक शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में रकम जुटाने की अनुमति मिली है। कंपनी को फिलहाल करीब 50 हजार करोड़ रुपये एजीआर बकाया के रूप में चुकाने हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों को बकाया चुकाने के लिए 10 साल का वक्त दिया है।  

<p>वोडाफोन आइडिया...- India TV Paisa Image Source : VODAFONE IDEA वोडाफोन आइडिया जुटाएगी 25 हजार करोड़ रुपये

नई दिल्ली। वोडाफोन आइडिया बोर्ड ने आज कंपनी को 25 हजार करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी है। कंपनी कई तरीकों से ये रकम जुटाएगी। कंपनी ने शेयर बाजार को जानकारी दी है कि आज हुई एक बैठक में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने रकम जुटाने की मंजूरी दी।   

कंपनी के मुताबिक शेयर जारी कर या फिर शेयर में कन्वर्टिबल सिक्योरिटी जारी कर, ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसिट्स, अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसिट्स, फॉरेन करंसी कन्वर्टिबल बॉन्ड्स, कन्वर्टिबल डिबेंचर, वारंट्स के जरिये अधिकतम 15000 करोड़ रुपये तक जुटाने की मंजूरी मिली है, ये रकम पब्लिक इश्यू, प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट, प्राइवेट प्लेसमेंट, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशंस प्लेसमेंट या फिर किसी अन्य स्वीकृत रुट के जरिए एक या एक से अधिक किस्त में जुटाई जाएगी। वहीं अनसिक्योर्ड और/या सिक्योर्ड नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर के जरिए अधिकतम 15000 करोड़ रुपये तक की रकम पब्लिक ऑफर, प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए एक या एक से अधिक किस्त में जुटाई जा सकती है। कंपनी ने साफ किया है कि वो ऊपर दिए गए रूट्स में से एक या फिर एक से अधिक रूट्स का इस्तेमाल कर सकती है, और किसी भी हालत में जुटाई गई रकम 25 हजार करोड़ से ज्यादा नहीं होगी।

कंपनी फिलहाल एजीआर बकाया मामले को लेकर दबाव में है। सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को बकाया चुकाने के लिए 10 साल का वक्त दिया है। कंपनियों ने 15 साल का वक्त मांगा था। वोडाफोना आइडिया पर 2016-17 तक एजीआर के रूप में 58250 करोड़ रुपये का बकाया था, इसमें से कंपनी ने अब तक 7854 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिय़ा है। टेलीकॉम कंपनियों को मार्च 2021 तक बकाया का 10 फीसदी चुकाने के निर्देश दिए गए हैं। प्राइस वॉर के चलते पहले से दबाब सह रही कंपनी के लिए कोरोना के दौरान मुश्किलें और बढ़ गई है। लॉकडाउन के दौरान कंपनी के सब्सक्राइबर की संख्या में तेज गिरावट देखन को मिली है।   

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