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Hindi News पैसा बिज़नेस Q4 Results: विप्रो का शुद्ध लाभ 20 प्रतिशत घटा, 1800 करोड़ रुपए रहा मुनाफा

Q4 Results: विप्रो का शुद्ध लाभ 20 प्रतिशत घटा, 1800 करोड़ रुपए रहा मुनाफा

देश की तीसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी विप्रो का एकीकृत शुद्ध लाभ मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में 20 प्रतिशत से अधिक गिरकर 1,800.8 करोड़ रुपए रह गया।

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नई दिल्‍ली। देश की तीसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी विप्रो का एकीकृत शुद्ध लाभ मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में 20 प्रतिशत से अधिक गिरकर 1,800.8 करोड़ रुपए रह गया। एक वर्ष पहले इसी तिमाही में कंपनी का मुनाफा 2,267 करोड़ रुपए था। 

वित्‍त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में कंपनी की कुल आय वित्त वर्ष 2016-17 के 15,045.5 करोड़ रुपए से गिरकर 14,304.6 करोड़ रुपए रह गई। वहीं, पूरे वित्त वर्ष (2017-18) में विप्रो का मुनाफा 6 प्रतिशत गिरकर 8,003.1 करोड़ रुपए रहा, जबकि कुल आय 1.7 प्रतिशत गिरकर 57,035.8 करोड़ रुपए रही। 

इंडीग्रिड को 148 करोड़ रुपए का कारोबार 

ढांचागत निवेश ट्रस्ट इंडीग्रिड का एकीकृत कारोबार वित्त वर्ष 2018 की चौथी तिमाही में 148 करोड़ रुपए रहा। कंपनी के यहां जारी बयान के अनुसार 31 मार्च 2018 को समाप्त पहले दस महीने में कंपनी का एकीकृत कारोबार 447.6 करोड़ रुपए रहा। 

इंडीग्रिड के निवेश प्रबंधक स्टरलाइट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स ​के बोर्ड ने ब्याज के रूप में तीन रुपए प्रति यूनिट भुगतान करने को मंजूरी दी है। इस मद में पहले दस महीने में कंपनी अपने यूनिट धारकों को 9.56 रुपए प्रति यूनिट का भुगतान कर रही है। इंडीग्रिड देश में बिजली पारेषण आस्तियों के स्वामित्व के लिए बना अपनी तरह का पहला ढांचागत निवेश ट्रस्ट (इनविट) है। 

बजाज कॉर्प का चौथी तिमाही शुद्ध लाभ पांच प्रतिशत बढ़ा

एफएमसीजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी बजाज कॉर्प लिमिटेड का एकल शुद्ध लाभ मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में 5.22 प्रतिशत बढ़कर 55.41 करोड़ रुपए हो गया है। पिछले साल की जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का एकल शुद्ध लाभ 52.66 करोड़ रुपए था। 

समीक्षाधीन अवधि में उसकी कुल आय बढ़कर 222.45 करोड़ रुपए हो गई, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 206.85 करोड़ रुपए थी। पूरे वित्त वर्ष (2017-18) में बजाज कॉर्प का एकल शुद्ध लाभ 216.26 करोड़ रुपए रहा, जो कि 2016-17 में 220.95 करोड़ रुपए था। उसकी कुल आय पिछले वित्त वर्ष के 831.88 करोड़ रुपए से बढ़कर 2017-18 में 855.55 करोड़ रुपए हो गई।

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