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BRICS देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग योजना के लिए चीन ने की 7.6 करोड़ डॉलर की पेशकश

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने घोषणा की है कि BRICS देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग योजना के लिए चीन 7.6 करोड़ डॉलर की राशि मुहैया कराएगा।

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श्यामन। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने घोषणा की है कि BRICS देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग योजना के लिए चीन 7.6 करोड़ डॉलर की राशि मुहैया कराएगा। इसके अलावा नव विकास बैंक की परियोजनाओं की वह 40 लाख डॉलर से मदद करेगा। अंतरराष्ट्रीय शांति और विकास के लिए संयुक्त उन्नत समाधान देने के लिए समूह के पांचों देशों को एक साथ आगे आने का आह्वान करते हुए शी ने कहा कि BRICS देशों को आर्थिक भूमंडलीकरण को खुला और समावेशी बनाना चाहिए जो सभी के लिए लाभकारी हो।

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श्यामन में BRICS सम्मेलन के पूर्ण अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए शी ने कहा कि मेरी इच्छा है कि चीन BRICS देशों के लिए आर्थिक और तकनीकी सहयोग योजना को शुरू करेगा। इस संबंध में नीति विनिमय और अर्थ एवं व्यापार में प्रायोगिक सहयोग के लिए 50 करोड़ युआन चीनी मुद्रा यानि मौजूदा विनिमय दर के हिसाब से करीब 7.6 करोड़ डॉलर की राशि देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत BRICS देशों के अन्य नेताओं ने इस बैठक में शिरकत की।

शी ने कहा कि चीन ब्रिक्स देशों द्वारा गठित नव विकास बैंक के लिए भी अलग से 40 लाख डॉलर की राशि देगा। उन्होंने कहा कि इस धन का उपयोग परियोजनाओं की तैयारियों की सुविधा के लिए है जो बैंक के कारोबार परिचालन एवं दीर्घकालीन योजनाओं को समर्थन देगा।

शी ने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को और अधिक न्यायोचित और समतामूलक बनाने की जरूरत है। हमारे हमेशा से घनिष्ठ संबंध को चाहिए कि हम पांच देश वैश्विक शासन व्यवस्था में और अधिक सक्रिय भूमिका निभाएं। हमारी भागीदारी के बिना कई वैश्विक चुनौतियों का प्रभावी समाधान नहीं किया जा सकता है।

ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका को मिलाकर बने BRICS समूह की भविष्य की बड़ी भूमिका के बारे में शी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शांति और विकास से जुड़ी चिंताओं पर समूह को एक सुर में बोलना चाहिए और साथ ही एक संयुक्त समाधान पेश करना चाहिए।

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उन्होंने कहा, यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आकांक्षाओं के अनुरूप है और हमारे साझा हितों को सुरक्षा करने में मदद करेगा। शी ने कहा, हमें बहुपक्षवाद और अंतराष्ट्रीय संबंधों को चलाने वाले साधारण नियमों, नए तरह के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए काम करने और सभी देशों में शांति एवं स्थिर वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

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