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Hindi News पैसा बिज़नेस दिल्‍ली में 5.5 रुपए प्रति यूनिट देना होगा इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने का शुल्‍क, 42 रुपए में 100 किमी चलेगी कार

दिल्‍ली में 5.5 रुपए प्रति यूनिट देना होगा इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने का शुल्‍क, 42 रुपए में 100 किमी चलेगी कार

दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने इलेक्ट्रिक कार की चार्जिंग के लिए 5.5 रुपए प्रति यूनिट का शुल्क भी तय कर दिया है।

दिल्‍ली में 5.5 रुपए प्रति यूनिट देना होगा इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने का शुल्‍क, 42 रुपए में 100 किमी चलेगी कार- India TV Paisa दिल्‍ली में 5.5 रुपए प्रति यूनिट देना होगा इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने का शुल्‍क, 42 रुपए में 100 किमी चलेगी कार

नई दिल्‍ली। राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में कार चलाने वालों को महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत देने और सीएनजी से भी सस्‍ता ईंधन उपलब्‍ध कराने की कोशिशें तेज रफ्तार पकड़ रही हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई निजी और सरकारी कंपनियां आधारभूत ढांचा तैयार करने में जुटी हैं। इसी के मद्देनजर दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए 5.5 रुपए प्रति यूनिट का शुल्क भी तय कर दिया है। इससे अब आप 42 रुपए के खर्च पर 100 किमी की यात्रा कर पाएंगे।

टाटा पावर और दिल्ली सरकार की संयुक्त उद्यम टाटा पावर डीडीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सीईओ और प्रबंध निदेशक प्रबीर सिन्हा ने बताया कि उनकी कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए जरूरी ढांचागत सुविधा तैयार कर रही है। डीईआरसी ने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए 5.50 रुपए प्रति यूनिट का शुल्क तय किया है।

इलेक्ट्रिक वाहनों पर होने वाले खर्च के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, एक गाड़ी को चार्ज करने में 6 से 8 यूनिट बिजली लगेगी और इसके जरिये लगभग 100 किलोमीटर तक की यात्रा की जा सकती है। इस लिहाज से आपको 100 किलोमीटर चलने के लिए लगभग 42 रुपए खर्च करने होंगे, जो पेट्रोल-डीजल और सीएनजी के मुकाबले काफी सस्ता पड़ेगा और वह पर्यावरण अनुकूल भी होगा।

चार्जिंग में लगने वाले समय के बारे में पूछे जाने पर सिन्‍हा ने कहा कि फास्ट चार्जिंग केंद्र इलेक्ट्रिक वाहनों को 30 मिनट में चार्ज कर देते हैं, जबकि सामान्य चार्जिंग केंद्र में 6 से 8 घंटे लगते हैं। सामान्य चार्जिंग केंद्र पर जहां 1,00,000 रुपए तक का खर्च आता हैं, वहीं फास्ट चार्जिंग केंद्र लगाने में खर्च थोड़ा अधिक बैठता है। अभी राष्ट्रीय राजधानी में पांच जगह, रोहिणी, दिल्ली विश्‍वविद्यालय परिसर, पीतमपुरा, शालीमार बाग और मॉडल टाउन में चार्जिंग केंद्र लगाए गए हैं। गाडि़यों की संख्या बढ़ने पर चार्जिंग केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएंगी। अगले 5 साल में 1,000 चार्जिंग केंद्र लगाने की योजना है।

जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने 2030 तक सभी वाहनों को बिजली से चलाने का लक्ष्य रखा है। वहीं अगले तीन से चार साल में डीजल और पेट्रोल से चलने वाले सरकारी वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहन लाने की योजना है। इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र की ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) 10,000 इलेक्ट्रिक कार खरीद रही है।

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