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Hindi News पैसा बिज़नेस राज्यों की मुफ्त की योजनाओं पर इस साल लग सकता है ताला, GST कलेक्शन की ग्रोथ में बड़ी गिरावट आने की आशंका

राज्यों की मुफ्त की योजनाओं पर इस साल लग सकता है ताला, GST कलेक्शन की ग्रोथ में बड़ी गिरावट आने की आशंका

चालू वित्त वर्ष में राज्यों के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कुल संग्रह में वृद्धि 12-14 प्रतिशत रहने की संभावना है। पिछले वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह में वृद्धि दर 20 प्रतिशत रही थी।

GST- India TV Paisa Image Source : FILE GST

देश में भले ही हर महीने जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) बढ़ रहा हो लेकिन राज्यों की सरकारी खाली खजाने को लेकर चिंता में है। वहीं घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil) द्वारा पेश किए गए 2023 के अनुमान राज्यों के लिए और भी बड़ी टेंशन लेकर आने जा रहा है। क्रिसिल ने बुधवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में राज्यों के लिए माल एवं सेवा कर (GST) के कुल संग्रह में वृद्धि 12-14 प्रतिशत रहने की संभावना है। पिछले वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह में वृद्धि दर 20 प्रतिशत रही थी। इसका असर राज्यों द्वारा चलाई जा रही मुफ्त स्कीमों पर भी पड़ सकता है। या तो राज्य ये स्कीमें बंद करेंगे या फिर इनका दायरा छोटा करने का प्रयास करेंगे। 

जीएसटी कलेक्शन की ग्रोथ घटने का अनुमान 

क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने एक बयान में कहा कि राज्यों की जीएसटी संग्रह वृद्धि दर हालांकि वित्त वर्ष 2023-24 में कम रहेगी लेकिन राज्यों के राजस्व वृद्धि में सबसे बड़ा योगदान जीएसटी संग्रह का ही रहेगा। क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि, “सकल राज्य जीएसटी संग्रह में वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022-23 के 20 प्रतिशत से कम होकर चालू वित्त वर्ष में 12-14 प्रतिशत होगी।” सेठी ने कहा कि वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन, मुद्रास्फीति के माहौल में नरमी और कर अनुपालन में वृद्धि जैसे कारकों से जीएसटी संग्रह में मदद मिलेगी। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 90 प्रतिशत की सकल हिस्सेदारी वाले 18 राज्यों में चालू वित्त वर्ष में कर राजस्व छह-आठ प्रतिशत बढ़कर 34 लाख करोड़ रुपये रह सकता है। वित्त वर्ष 2022-23 में इसकी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही थी। 

सीबीआईसी जीएसटी आवेदकों को देगा जोखिम रेटिंग

माल एवं सेवा कर (GST) के फर्जी पंजीकरण पर रोक लगाने के लिए सीबीआईसी सभी आवेदकों को जोखिम रेटिंग देगा और कर अधिकारी आवेदकों की ओर से दाखिल दस्तावेजों का दोहरा सत्यापन करेंगे। जीएसटी चोरी पर लगाम के लिए देश भर में चल रहे विशेष द्विमासिक अभियान में अपराधियों द्वारा जीएसटी पंजीकरण हासिल करने के लिए पैन और आधार नंबरों का दुरुपयोग करने की बात सामने आने के बाद केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने बुधवार को क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए निर्देश जारी कर दिए। अभियान के दौरान केंद्र और राज्य जीएसटी अधिकारियों ने लगभग 15,000 फर्जी जीएसटी पंजीकरणों की पहचान की है और अपराधियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू की जा रही है।

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