A
Hindi News पैसा बिज़नेस कौन कहता है कि सरकार कृषि पर नहीं देती ध्यान? पीएम मोदी ने खुद बताया 9 साल में बजट कितना गुना बढ़ा

कौन कहता है कि सरकार कृषि पर नहीं देती ध्यान? पीएम मोदी ने खुद बताया 9 साल में बजट कितना गुना बढ़ा

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार दलहन और तिलहन के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत खाद्य तेल के आयात पर लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी- India TV Paisa Image Source : PTI प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 2023-24 का आम बजट पिछले 8-9 वर्षों की तरह ही कृषि क्षेत्र पर केंद्रित है और तिलहन तथा खाद्य तेलों पर भारत की आयात निर्भरता को कम करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। कृषि और सहकारिता क्षेत्रों के संबंधित पक्षों के साथ बजट के बाद एक वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का कृषि बजट कई गुना बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा, 2014 में हमारे सत्ता में आने से पहले कृषि क्षेत्र का बजट 25,000 करोड़ रुपये से कम था। आज देश का कृषि बजट 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। मोदी ने कहा कि हाल के सभी बजट को 'गांव, गरीब और किसान' का बजट कहा गया। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि क्षेत्र आजादी के बाद लंबे समय तक संकट में रहा और इसके चलते देश को खाद्य सुरक्षा के लिए विदेश के ऊपर निर्भर होना पड़ा। प्रधानमंत्री ने कृषि उत्पादों के आयात के लिए किए गए खर्च के कुछ उदाहरण भी दिए। 

दलहन और तिलहन उत्पादन बढ़ावा पर पूरा जोर 

उन्होंने कहा कि 2021-22 में दालों के आयात के लिए 17,000 करोड़ रुपये, मूल्य वर्धित खाद्य उत्पादों के आयात के लिए 25,000 करोड़ रुपये और खाद्य तेलों के आयात के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए है। मोदी कहा कि कृषि आयात का योग लगभग दो लाख करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि सरकार दलहन और तिलहन के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत खाद्य तेल के आयात पर लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करता है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि बजट कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप पर केंद्रित है और इनके लिए धन आवंटित करने के लिए कोष का भी प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप की संख्या नौ साल पहले लगभग नगण्य थी जो अब बढ़कर 3,000 से अधिक हो गई है। मोदी ने यह भी कहा कि सहकारी क्षेत्र में एक नई क्रांति हो रही है। सहकारी क्षेत्र पहले केवल कुछ राज्यों तक सीमित थे लेकिन अब पूरे देश में इसका विस्तार किया जा रहा है। यह प्रधानमंत्री द्वारा संबोधित किया गया दूसरा वेबिनार था। उन्होंने बृहस्पतिवार को हरित वृद्धि के विषय पर विस्तार से अपनी बात रखी थी। कुल मिलाकर, वह 11 मार्च तक इस प्रकार के 12 वेबिनार को संबोधित करने वाले हैं। 

कई तरह के खाद्य पदार्थों का निर्यात कर रहा भारत 

उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाकर कृषि परिदृश्य को बदलने के लिए किसानों की सराहना की और कहा कि आज हम कई तरह के खाद्य पदार्थों का निर्यात करने में भी सक्षम हैं। मोदी ने कहा, आज भारत कई तरह के कृषि उत्पादों का निर्यात कर रहा है।'' उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता या निर्यात के लिहाज से भारत को सिर्फ गेहूं और चावल तक सीमित नहीं रहना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक कि कृषि क्षेत्र से संबंधित चुनौतियों को समाप्त नहीं किया जाता, तब तक पूर्ण विकास का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने मौसम के बदलाव के बारे में तत्काल जारी देने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी अंतरराष्ट्रीय पहचान भारतीय किसानों के लिए वैश्विक बाजार का प्रवेश द्वार खोल रही है। मोदी ने कहा, देश ने अब इस बजट में 'श्री अन्न' के रूप में मोटे अनाज की पहचान की है। उन्होंने कहा कि श्री अन्न से हमारे छोटे किसानों को लाभ मिलेगा और साथ ही इस क्षेत्र में स्टार्टअप के विकास की संभावना भी बढ़ेंगी।

टीडीएस कटौती से राहत दी गई 

उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों द्वारा तीन करोड़ रुपये तक नकद निकासी पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) नहीं लगाया जाएगा। केंद्रीय बजट 2023-24 में उल्लिखित ‘सप्तऋषि’ प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न मंत्रालयों व विभागों द्वारा वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि बजट घोषणाओं के कार्यान्वयन में तालमेल लाने तथा सभी हितधारकों को एक साथ लाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा बजट के बाद वेबिनार का विचार रखा गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को लोकसभा में आम बजट पेश किया था। 

Latest Business News