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Hindi News पैसा बिज़नेस ब्रिटिश पीएम सुनक की पत्नी को यह भारतीय कंपनी देगी 68 करोड़ रुपये, जानिए क्या है मामला

ब्रिटिश पीएम सुनक की पत्नी को यह भारतीय कंपनी देगी 68 करोड़ रुपये, जानिए क्या है मामला

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति के लाभांश में अपने हिस्से के शेयरों से 68.17 करोड़ रुपये कमाएंगी।

ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता - India TV Paisa Image Source : FILE ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता को भारत की दिग्गज कंपनी इंफोसिस करीब 68 करोड़ रुपये देने जा रही है। दरअसल अक्षता इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी हैं। उन्हें यह आय इंफोसिस के लाभांश से होगी। कंपनी ने इसी सप्ताह नतीजे घोषित किए हैं। जिसमें कंपनी ने लाभांश की भी घोषणा की है। 

अक्षता के पास कितने शेयर 

भारत की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी इंफोसिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार कंपनी के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति के पास दिसंबर अंत तक कंपनी के 3.89 करोड़ शेयर थे। इंफोसिस ने शेयर बाजार को सूचना दी है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति के लाभांश में अपने हिस्से के शेयरों से 68.17 करोड़ रुपये कमाएंगी। 

कंपनी ने की इतने लाभांश की घोषणा 

इंफोसिस भारत में सबसे अधिक लाभांश देने वाली कंपनियों में से एक है।  इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अंतिम लाभांश 17.50 रुपये प्रति शेयर की घोषणा की थी। अगर वह नियत तिथि दो जून तक अपने शेयर बनाए रखती हैं तो उन्हें 68.17 करोड़ रुपये मिलेंगे। पिछले साल अक्टूबर में घोषित 16.50 रुपये प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश के साथ उन्हें 132.4 करोड़ रुपये मिलेंगे। इंफोसिस ने पिछले वित्त वर्ष के लिए कुल 31 रुपये प्रति शेयर लाभांश का भुगतान किया, जिससे उन्हें कुल 120.76 करोड़ रुपये मिले। बीएसई में बृहस्पतिवार के बंद भाव 1,388.60 रुपये प्रति शेयर पर उनकी हिस्से के शेयरों की कीमत 5,400 करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा है। 

मुनाफा 7.8 प्रतिशत बढ़कर 6,128 करोड़ रुपये पर

अमेरिकी बैंकिंग क्षेत्र में अस्थिरता के बाद बाजार में मंदी के बीच इंफोसिस लिमिटेड का वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ उम्मीद से कम 7.8 प्रतिशत बढ़कर 6,128 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। कंपनी की हालिया रिपोर्ट कई मायनों में निराश करती हैं, जिनमें कंपनी ग्राहकों के देरी से फैसले लेने और परियोजनाओं में अप्रत्याशित बदलाव के कारण वित्त वर्ष 2022-23 के लिए राजस्व अनुमान तक भी नहीं पहुंच पाई। 

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