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America में बढ़ती महंगाई से भारतीय छात्रों पर बढ़ेगा बोझ, पैरेंट्स की बढ़ी टेंशन

America inflation: अमेरिका (America) में भी बढ़ती महंगाई भी इन छात्र-छात्राओं के लिए एक बड़ी समस्या बनती जा रही है।

America inflation- India TV Paisa Image Source : PIXABAY America में बढ़ती महंगाई से भारतीय छात्रों पर बोझ

America inflation: अमेरिकी डॉलर (USD) के मुकाबले रुपये में गिरावट कोई नई बात नहीं है, लेकिन यह हमेशा उन लोगों को प्रभावित करता है, जिनके बच्चे यूएस (US) में पढ़ रहे हों, या फिर वहां पढ़ाई करना चाहते हो। अमेरिका (America) में भी बढ़ती महंगाई भी इन छात्र-छात्राओं के लिए एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। अभिभावकों का कहना है कि कई देश भारतीय छात्रों (Indian Students) को अपने यूनिवर्सिटीज (Universities) में एडमिशन लेने के लिए आकर्षित कर रहे हैं, लेकिन देश और यूनिवर्सिटीज का चुनाव विभिन्न कारकों को ध्यान में रख कर किया जाता है, न कि केवल करेंसी एक्सचेंज वेल्यू के आधार पर होता है।

82,000 स्टूडेंट को यूएस ने दिया वीजा

अमेरिका ने इस साल भारतीयों को 82,000 स्टूडेंट वीजा जारी किए हैं। हाल के दिनों में डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आई है और यह एक डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर 80.05 को छू गया है, जिससे उन अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है, जिनके बच्चे अमेरिका में पढ़ रहे हैं या फिर अमेरिकी यूनिवर्सिटीज की डिग्री के इच्छुक हैं। अभिभावकों को एक डॉलर खरीदने के लिए अधिक रुपये खर्च करने पड़ते हैं। वहीं उनके बच्चों को अपने खर्च में भी कटौती करनी पड़ती है।

पार्ट टाइम जॉब करने को मजबूर भारतीय छात्र

भारत के रहने वाले रेवती वासन ने बताया कि रुपये का गिरना कोई नई बात नहीं है। यह तब से हो रहा है जब से उनकी बेटी अमेरिका में पढ़ रही थी। हमें उसे डॉलर भेजने के लिए अतिरिक्त रुपये खर्च करने पड़े। अमेरिका में कई भारतीय छात्र अपने भारतीय माता-पिता पर बोझ कम करने के लिए पार्ट टाइम जॉब कर रहे हैं। उनका जॉब करना एक तरह से मुद्रा की अस्थिरता और मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव है।

अमेरिका में सेटल हो चुके युवाओं के बीच खुशी

भारतीय छात्र जिन्होंने अमेरिका में अपनी शिक्षा पूरी की है और वहां नौकरी कर रहे है, वे अब खुश हैं क्योंकि वे जिस डॉलर को घर वापस भेजते हैं। उससे अधिक रुपये मिलते हैं। प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी वी. राजगोपालन ने एक मीडिया संस्थान को बताया कि उनकी बेटी ने अपनी शिक्षा पूरी कर ली है और उसने नौकरी की भी ट्रेनिंग ले ली है। उसने डॉलर में एजुकेशन लोन लिया था, जिसका वह भुगतान समय-समय पर कर रही है, लेकिन चिंता की बात यह है कि अगर उसे अमेरिका में रहने के लिए आवश्यक वीजा नहीं मिलता है, तो उसे वापस आना होगा और तब वह लोन का भुगतान नहीं कर पाएगी। 

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