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Hindi News पैसा बिज़नेस अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल ने पेश किए शानदार नतीजे, अब शेयर बन सकते हैं रॉकेट

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल ने पेश किए शानदार नतीजे, अब शेयर बन सकते हैं रॉकेट

तिमाही के दौरान रिलायंस कैपिटल का कुल खर्च भी 8,982 करोड़ रुपये से घटकर 5,949 करोड़ रुपये रह गया।

रिलायंस कैपिटल- India TV Paisa Image Source : FILE रिलायंस कैपिटल

कर्ज में डूबी अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल ने अनुमान से बेहतर नतीजे पेश किए हैं। शेयर बाजार को भेजी सूचना के अनुसार, रिलायंस कैपिटल का बीते वित्त वर्ष की मार्च में समाप्त चौथी तिमाही का एकीकृत शुद्ध घाटा कम होकर 1,488 करोड़ रुपये रह गया है। कंपनी को इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 4,249 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल एकीकृत आय घटकर 4,436 करोड़ रुपये रह गई, जो एक साल पहले समान तिमाही में 4,770 करोड़ रुपये थी। 

कंपनी के खर्च में भी आई कमी 

तिमाही के दौरान कंपनी का कुल खर्च भी 8,982 करोड़ रुपये से घटकर 5,949 करोड़ रुपये रह गया। एकल आधार पर कंपनी को चौथी तिमाही में 1,389 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है। एक साल पहले समान तिमाही में एकल आधार पर कंपनी को 25 करोड़ रुपये का घाटा था। एकल आधार पर कंपनी की कुल आय घटकर तीन करोड़ रुपये रह गई, जो एक साल पहले समान तिमाही में पांच करोड़ रुपये थी। कंपनी 29 नवंबर, 2021 से दिवाला प्रक्रिया के तहत है।

शेयरों में देखने को मिल सकती है तेजी 

मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि कंपनी के घाटे में कमी आने और एनसीएलटी से दिवालिया प्रक्रिया का जल्द समाधान मिलने की उम्मीद के बाद आने वाले दिनों में कंपनी के शेयर में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है। सोमवार को रिलायंस कैपिटल का शेयर 8.80 रुपये के भाव पर बंद हुआ था।

समाधान प्रक्रिया की समयसीमा 16 जुलाई तक बढ़ाई गई

आपको बता दें कि रिलायंस कैपिटल दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रही है। इसी के तहत राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया को पूरा करने की समयसीमा तीन महीने बढ़ाकर 16 जुलाई कर दी है। गौरतलब है कि कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के कर्जदाता नीलामी का दूसरा चरण आयोजित करने पर सहमत हुए हैं। पिछली समयसीमा 16 अप्रैल को खत्म हो चुकी है। दूसरे दौर की नीलामी में इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) ने सबसे ऊंची बोली लगाई थी। सूत्रों के मुताबिक, कर्जदाताओं के समक्ष आईआईएचएल की तरफ से एक कर्ज समाधान योजना का खाका भी रखा जा सकता है। दूसरे चरण की नीलामी में अकेले आईआईएचएल ने बोली लगाई जबकि टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स और सिंगापुर की ओकट्री ने बोली प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। नीलामी के पहले दौर में टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।

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