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Hindi News पैसा बिज़नेस लग्जरी के नाम पर कहीं आप भी तो नहीं खरीद रहे नकली सामान, कपड़ों में सबसे ज्यादा हेराफेरी

लग्जरी के नाम पर कहीं आप भी तो नहीं खरीद रहे नकली सामान, कपड़ों में सबसे ज्यादा हेराफेरी

रिपोर्ट के मुताबिक, दवा एवं औषधि क्षेत्र के 20 प्रतिशत उत्पाद, टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र के 17 प्रतिशत उत्पाद और कृषि-रसायन क्षेत्र के 16 प्रतिशत उत्पाद नकली पाए गए हैं।

नकली सामान- India TV Paisa Image Source : FILE नकली सामान

देश में नकली उत्पाद का बड़ा बाजार बन गया है। यह आम लोगों को बुरी तरह से चुना लगाने का काम कर रहा है। क्रिसिल और ऑथेंटिकेशन सॉल्यूशन प्रोवाइडर्स एसोसिएशन की तरफ से जारी इस संयुक्त रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, देश में बिकने वाले करीब 25-30 प्रतिशत उत्पाद जाली हैं और यह चलन कपड़ों एवं एफएमसीजी (दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाले) क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नजर आता है। इसके अलावा दवा, वाहन एवं टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्रों में भी नकली उत्पादों की भरमार देखी जाती है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया। इसके मुताबिक, परिधान क्षेत्र में करीब 31 प्रतिशत उत्पाद नकली पाए जाते हैं जबकि रोजमर्रा के उत्पादों के मामले में यह अनुपात 28 प्रतिशत का है। वहीं वाहन क्षेत्र के 25 प्रतिशत उत्पाद नकली होते हैं। 

दवा एवं औषधि क्षेत्र में भी धोखाधड़ी

रिपोर्ट के मुताबिक, दवा एवं औषधि क्षेत्र के 20 प्रतिशत उत्पाद, टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र के 17 प्रतिशत उत्पाद और कृषि-रसायन क्षेत्र के 16 प्रतिशत उत्पाद नकली पाए गए हैं। इस रिपोर्ट की खास बात यह है कि 27 प्रतिशत खरीदारों को यह पता ही नहीं होता है कि वे नकली उत्पाद खरीद रहे हैं। वहीं 31 प्रतिशत लोग जानबूझकर नकली उत्पादों को खरीदते हैं। इस रिपोर्ट को दिल्ली, आगरा, जालंधर, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, इंदौर, कोलकाता, पटना, चेन्नई, बेंगलुरु एवं हैदराबाद शहरों में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया गया है। 

सामान्य उत्पाद में भी गड़बड़झाला

क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के वरिष्ठ निदेशक सुरेश कृष्णमूर्ति ने रिपोर्ट के निष्कर्षों पर कहा कि नकली उत्पाद सिर्फ लग्जरी उत्पादों तक ही सीमित नहीं हैं। सामान्य उत्पादों की भी तेजी से नकल हो रही है। जानकारों का कहना है कि सबसे अधिक नकली उत्पाद ई-कॉमर्स के जरिये इन दिनों बेचा जा रहा है। ब्रांडेड उत्पाद की चाहत में लोग आसानी से नकली उत्पाद कम कीमत में खरीद रहे हैं। बाद में लोग ठगा हुआ महसूस करते हैं। इसके चलते सबसे अधिक शिकायत ई-कॉमर्स कंपनियों को लेकर ही है। 

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