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Hindi News पैसा बिज़नेस डूब रहा है भारत का एक और पड़ोसी देश, श्रीलंका और पाकिस्तान जितने खराब हुए हालात

डूब रहा है भारत का एक और पड़ोसी देश, श्रीलंका और पाकिस्तान जितने खराब हुए हालात

अर्थशास्त्रियों के अनुसार मूडीज का यह फैसला वहां के बैंकिंग सेक्टर के लिए जितनी बुरी खबर है उतनी ही बुरी खबर वहां की अर्थव्यवस्था को लेकर भी है।

Bangladesh- India TV Paisa Image Source : FILE Bangladesh

भारत के पड़ोसी देशों के ग्रह नक्षत्र अच्छे नहीं चल रहे हैं। पहले श्रीलंका दीवालिया हुआ, फिर 2023 में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के किसी भी दिन ढह जाने के संकेत स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं, वहीं अब भारत का पूर्वी पड़ोसी बांग्लादेश पर भी संकट के बादल गहराते दिख रहे हैं। दरअसल अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बांग्लादेश के बैंकों की रेटिंग घटा दी है, जिसके चलते वहां के बैंकिंग सेक्टर में भूचाल आ गया है। मूडीज ने बांग्लादेश के बैंकिंग सेक्टर की रेटिंग स्थिर से घटा कर नकारात्मक कर दी है। इससे अब वहां के बैंकों को निवेश पाने में मुश्किलें पेश आएंगी। 

अर्थशास्त्रियों के अनुसार मूडीज का यह फैसला वहां के बैंकिंग सेक्टर के लिए जितनी बुरी खबर है उतनी ही बुरी खबर वहां की अर्थव्यवस्था को लेकर भी है। बांग्लादेश मुद्रा की कीमत लगातार घट रही है, वहीं महंगाई चरम पर है। इसके अलावा देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा है। 

अर्थशास्त्रियों ने ध्यान दिलाया है कि मूडीज के ताजा आकलन के बाद अब सीमा पार से वित्तीय लेनदेन अधिक मुश्किल हो जाएगा। कुछ विदेशी संस्थान तो बांग्लादेश के बैंकों की क्रेडिट लिमिट घटाने का फैसला कर भी चुके हैं। 

डॉलर के संकट के बावजूद हमारे बहुत से बैंक विदेशी बैंकों से अब तक लेन-देन कर पा रहे थे। ऐसा दीर्घकालिक संबंध और भरोसे के कारण हो रहा था। लेकिन अब बांग्लादेश के पूरे बैंकिंग सेक्टर को जोखिम भरा करार दिया गया है। इससे सीमा पार से लेन-देने में निश्चित रूप से समस्या आएगी।

बांग्लादेश के पास अब 32 बिलियन डॉलर से भी कम का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है। अगस्त 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार में 48 बिलियन डॉलर थे। इस बीच डॉलर की तुलना में बांग्लादेश की मुद्रा टका के भाव में पिछले छह महीनों में 27 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। अब एक डॉलर की कीमत 107 टका तक पहुंच चुकी है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी बैंकों के बढ़ते एनपीए पर चिंता जताई है और सरकार से बैंकिंग सेक्टर के नियमों और निगरानी की व्यवस्था को दुरुस्त करने को कहा है।

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