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Hindi News पैसा बिज़नेस जमीन और मकान बेचने वालोंं को बजट में मिली बड़ी राहत, अब अधिकतम 15% सरचार्ज देना होगा

जमीन और मकान बेचने वालोंं को बजट में मिली बड़ी राहत, अब अधिकतम 15% सरचार्ज देना होगा

अभी तक लंबी अवधि के कैपिटल गेन पर सरचार्ज सालाना आय स्लैब के अनुसार लगाया जाता है। यानी, अगर किसी भी व्यक्ति की सालाना आय 50 लाख से अधिक और एक करोड़ तक है उसे मकान की बिक्री पर इंडेक्सन के अलावा 20% कैपिटेल गेन और सरचार्ज चुकाना होता है।

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Highlights

  • कैपिटल गेन पर सरचार्ज सालाना आय स्लैब के अनुसार लगाया जाता है
  • यह बड़े आय वर्ग के निवेशकों के लिए बड़ी राहत की खबर है
  • शेयर से होने वाली कमाई पर पहले से ही अधिकतम 15% सरचार्ज

नई दिल्ली। बजट में लंबी अवधि से होने वाले पूंजीगत लाभ (कैपिटल गैन) पर लगने वाले टैक्स में बड़ी राहत दी गई है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में ऐलान किया कि अब किसी भी कैपिटल गेन पर सरचार्ज 15% से अधिक नहीं देना होगा। इस फैसले पर इंडिया टीवी ने टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन से बात की और जानना चाहा कि इसके असर क्या होंगे। आइए, समझते हैं कि इस फैसले से आपको क्या फायदा होगा?

जमीन, मकान, बांड, डिवेंचर के निवेशकों को बड़ा फायदा 

जैन ने बताया कि अभी तक लंबी अवधि के कैपिटल गेन पर सरचार्ज सालाना आय स्लैब के अनुसार लगाया जाता है। यानी, अगर किसी भी व्यक्ति की सालाना आय 50 लाख से अधिक और एक करोड़ तक है उसे मकान की बिक्री पर इंडेक्सन के अलावा 20% कैपिटेल गेन और सरचार्ज चुकाना होता है। सरचार्ज की दर 30% से अधिक भी होती है। लंबी अवधि के कैपिटल गेन टैक्स पर सरचार्ज का कैलकुलेशन सालाना आय स्लैब के अनुसार होता है। अगर किसी की सालाना आय 5 से 10 करोड़ रुपये तक है तो उसे 30% से अधिक सरचार्ज देना पड़ सकता है। यानी टैक्स का बोझ आय के अनुसार बढ़ता जाता है। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि किसी भी आय स्लैब पर सरचार्ज 15% से अधिक नहीं लगेगा। यह बड़े आय वर्ग के निवेशकों के लिए बड़ी राहत की खबर है। 

लिस्टेड कंपनियों के शेयर पर पहले से 15% सरचार्ज 

गौरतलब है कि पहले ही लिस्टेड कंपनियों के शेयर से होने वाली कमाई पर लंबी अवधि के लिए कैपिटल गेन टैक्स पर अधिकतम 15% सरचार्ज लिया जाता है। अब बजट के इस फैसले से रियल एस्टेट, बांड, डिवेंचर आदि निवेशकों से भी एक सामान सरचार्ज लिया जाएगा। विशेषज्ञों का कनहा है कि वित्त मंत्री द्वारा उठाया गया यह एक बेहतर कदम है। 

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