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Hindi News पैसा बिज़नेस 'सरकार ने इन गलत हाथों में जाने से बचाए 2 लाख करोड़ रुपये', जानें ये कैसे हुआ संभव?

'सरकार ने इन गलत हाथों में जाने से बचाए 2 लाख करोड़ रुपये', जानें ये कैसे हुआ संभव?

निर्मला सीतारमण ने भोपाल में आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया है कि सरकार ने इस टेक्नोलॉजी की मदद से गलत हाथों में जाने से 2 लाख करोड़ रुपये बचाए हैं। इस खबर में पूरी जानकारी मिलेगी।

सरकार ने इन गलत हाथों में जाने से बचाए 2 लाख करोड़ रुपये- India TV Paisa Image Source : PTI सरकार ने इन गलत हाथों में जाने से बचाए 2 लाख करोड़ रुपये

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने पिछले आठ साल में मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से दो लाख करोड़ रुपये 'गलत हाथों' में जाने से बचाए हैं। 

सीतारमण ने भोपाल में 21 वीं सदी के वैश्विक परिदृश्य में भारत का आर्थिक सामर्थ्य विषय पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में भाजपा और मोदी सरकार ने स्टार्टअप नीति बनाकर प्रोत्साहन दिया है। हम अगले 25 साल के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करने वाला भारत बना रहे हैं। पिछले सात-आठ साल में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सरकार ने दो लाख करोड़ से ज्यादा बचत की है। डीबीटी के जरिए जो पैसा जाता है उसका आधार सत्यापन होता है।

मरे हुए लोग भी उठा रहे थे लाभ

उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस के समय में जो मर गए, जिनका जन्म नहीं हुआ, उनको भी पैसा मिलता था। सीतारमण ने कहा कि आज यहां राष्ट्रऋषि दत्तोपन्त ठेंगड़ी की स्मृति में व्याख्यान माला में हिस्सा लेना मेरा सौभाग्य है। ठेंगड़ी को भारत में विभिन्न संस्थानों के निर्माण और विभिन्न वर्गो के कल्याण के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासनकाल के कठिन समय में भी उन्होंने जो कार्य किया, वह सराहनीय है। उन्होंने भारतीय मजदूर संघ के लिए संघर्ष किया। श्रमिकों के कल्याण से ही देश का कल्याण है। अधिवक्ताओं के लिए संगठन भी उन्हीं की देन है। 

आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मविश्वास जरूरी

सीतारमण ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए पहले आत्मविश्वास चाहिए, इसकी भावना राष्ट्रऋषि ठेंगड़ी की प्रेरणा से मिलती है। आर्थिक सुधार के लिए ठेंगड़ी ने अभूतपूर्व कार्य किए हैं। सीतारमण ने कहा कि स्व-रोजगार के क्षेत्र में भारत में स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे हैं। स्टार्टअप की क्रांति भारत के युवाओं की है। ठेंगड़ी की विचारधारा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह स्वरोजगार के पक्ष में थे, न कि वेतनभोगी रोजगार को प्रोत्साहित करने के पक्ष में। 

भारत के डीएनए में उद्यमिता

भारत के डीएनए में उद्यमिता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में केंद्रीय योजना थी और देशभर के सभी राज्यों में एक ही मॉडल लागू किया जाता था। साम्यवाद के नाम पर दुनिया में केवल चीन बचा है लेकिन वह पूंजीपतियों की मदद से अपनी अर्थव्यवस्था का निर्माण भी कर रहा है। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत प्राचीन, अद्भुत और महान राष्ट्र है। भारत ने ही दुनिया को ज्ञान का प्रकाश दिया है। भारत का स्थान सभ्यता और संस्कृति में सबसे आगे रहा है। 

भारत फिर से विश्व गुरू के पथ पर अग्रसर

पहले सरकारों की तुलना में आज प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान 9.5 प्रतिशत तक पहुंच गया है। मोदी द्वारा 2025 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचाने के लक्ष्य की पूर्ति की दिशा में भी मध्यप्रदेश के प्रयास सराहनीय हैं। भारत फिर से विश्व गुरू के पथ पर अग्रसर है। भारत का सामर्थ्य दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के कई देशों को खाद्यान्न भेज रहा है। 

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