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Hindi News पैसा बिज़नेस दुनियाभर में चैटजीपीटी पर शिकंजा कसा, चीन, ईरान, रूस, उत्तर कोरिया के बाद अब इस देश ने प्लेटफॉर्म को बैन किया

दुनियाभर में चैटजीपीटी पर शिकंजा कसा, चीन, ईरान, रूस, उत्तर कोरिया के बाद अब इस देश ने प्लेटफॉर्म को बैन किया

चैटजीपीटी की चर्चा इन दिनों भारत समेत पूरी दुनिया में हो रही है। हालांकि, मेरा मानना है कि अभी चैटजीपीटी पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता है। इस एआई प्लेटफॉर्म को लंबे समय तक परखने की जरूरत है।

चैटजीपीटी - India TV Paisa Image Source : AP चैटजीपीटी

दुनियाभर में चैटजीपीटी पर शिकंजा कसने लगा है। चीन, ईरान, रूस, उत्तर कोरिया के बाद अब इटली ने अपने देश में चैटजीपीटी के एक्सेस को बैन कर दिया है। चैटजीपीटी को प्रतिबंध करने को लेकर कहा गया है कि यह गलत तरीके से यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल कर रहा है। इसके बाद इटली ने कहा है कि वह लोगों की व्यक्तिगत जानकारी साझा करने की इजाजत नहीं दे सकता है। आपको बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली ओपनएआई ने इटली में अपने एआई चैटबॉट चैटजीपीटी एक्सेस को ब्लॉक कर दिया है। यह कदम चैटजीपीटी सर्विस के लिए इतालवी के डेटा को प्रोसेसिंग करने से रोकने के लोकल डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के एक आदेश के जवाब में उठाया गया। आदेश में, इतालवी नियामक गारेंटे ने कहा कि यह चिंता की बात है कि चैटजीपीटी निर्माता यूरोपीय संघ (ईयू) के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (जीडीपीआर) का उल्लंघन कर रहा है, यह दावा करते हुए कि ओपनएआई ने इतालवी नागरिकों के डेटा को अवैध रूप से संसाधित किया है।

मामले की जांच भी शुरू की गई

नियामक ने कहा, ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे चैटजीपीटी गोपनीयता कानूनों के उल्लंघन में डेटा को संसाधित करना जारी रख सके। इटैलियन एसए ने प्लेटफॉर्म का विकास और प्रबंधन करने वाली यूएस-आधारित कंपनी ओपनएआई द्वारा इतालवी यूजर्स के डेटा के प्रोसेसिंग पर एक तत्काल अस्थायी सीमा लगा दी है। मामले की जांच भी शुरू की गई थी। इसके अलावा, कंपनी ने इटली में उन सभी यूजर्स को राशि वापस करने के लिए भी कहा, जिन्होंने मार्च में चैटजीपीटी प्लस सदस्यता खरीदी थी। ओपन एआई ने कहा, हम इटली में उन सभी यूजर्स को रिफंड जारी कर रहे हैं, जिन्होंने मार्च में चैटजीपीटी प्लस सब्सक्रिप्शन खरीदा था। हम इटली में सब्सक्रिप्शन रिन्यूअल को अस्थायी रूप से रोक रहे हैं, ताकि चैटजीपीटी के निलंबित रहने के दौरान यूजर्स से शुल्क नहीं लिया जाए।

Bliss Marcom कंपनी के सीईओ और डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट अभिषेक कुमार ने इंडिया टीवी को बताया कि चैटजीपीटी की चर्चा इन दिनों भारत समेत पूरी दुनिया में हो रही है। हालांकि, मेरा मानना है कि अभी चैटजीपीटी पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता है। इस एआई प्लेटफॉर्म को लंबे समय तक परखने की जरूरत है। जल्दबाजी में इस्तेमाल से फायदा कम और नुकसान अधिक हो सकता है। चैटजीपीटी की मदद से साइबर हमले का खतरा बढ़ सकता है। वहीं छात्र इस तकनीक के भरोसे कैसे रह सकते हैं। अगर वे अपने से निबंध लिखना नहीं सीखेंगे और चैटजीपीटी का इस्तेमाल कर लेंगे तो वे  बड़े ही नाकाबिल बन जाएंगे। यह भी चिंता है कि चैटजीपीटी का उपयोग कर रहे धोखेबाजों को कैसे पकड़ेंगे? चैटजीपीटी की सच्चाई क्योंकि केवल एक सांख्यिकीय सच्चाई है। इस पर कभी भी उस तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता है जिस तरह से हम एक  शिक्षाविद के लिखे पर भरोसा कर सकते हैं। चैटजीपीटी से किसी को फंसाने के लिए बहुत ही उम्दा संदेश भी तैयार किया जा सकता है। इन संदेशों के माध्यम से लोगों के अपनी संवेदनशील जानकारी शेयर करने की आशंका है।
 

जल्द ही फिर से यहां आने की उम्मीद

ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने भी ट्विटर पर जानकारी की पुष्टि करते हुए कहा, बेशक हम इटली सरकार के आगे झुक गए हैं और हमने इटली में चैटजीपीटी की पेशकश बंद कर दी है, (हालांकि हमें लगता है कि हम सभी गोपनीयता कानूनों का पालन कर रहे हैं) इटली मेरे पसंदीदा देशों में से एक है और मैं जल्द ही फिर से यहां आने की उम्मीद कर रहा हूं! ओपनएआई ने पिछले महीने के अंत में स्वीकार किया था कि एक बग के कारण चैटजीपीटी को ऑफलाइन ले जाने पर कुछ यूजर्स की पेमेंट जानकारी सामने आ सकती है। ओपनएआई के अनुसार, ओपन-सोर्स लाइब्रेरी में एक बग के कारण कंपनी ने चैटजीपीटी को ऑफलाइन कर दिया, जिसने कुछ यूजर्स को अन्य एक्टिव यूजर्स के चैट हिस्ट्री से टाइटल्स देखने की अनुमति दी।

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