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Hindi News पैसा बिज़नेस क्रूड ऑयल की कीमत 95 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंची, तीन महीने में 30% तक बढ़ गए दाम

क्रूड ऑयल की कीमत 95 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंची, तीन महीने में 30% तक बढ़ गए दाम

ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 10,000 रुपये से बढ़ाकर 12,100 रुपये प्रति टन कर दिया है।

क्रूड ऑयल - India TV Paisa Image Source : REUTERS क्रूड ऑयल

क्रूड ऑयल (Crude oil) की कीमत 95 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है। सरकार ने शनिवार से यानी 30 सितंबर से ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स (Windfall tax) बढ़ा दिया है। क्रूड ऑयल की कीमतों (Crude oil price) पर विंडफॉल टैक्स का असर देखा जा रहा है और कीमतें इस लेवल पर जा पहुंची हैं। आईएएनएस की खबर के मुताबिक,ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 10,000 रुपये से बढ़ाकर 12,100 रुपये प्रति टन कर दिया है।

तीन महीने में 30 प्रतिशत बढ़ीं कीमतें
खबर के मुताबिक, विंडफॉल टैक्स सरकार को उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी और सीएनजी की कीमतों में सब्सिडी देने के लिए ज्यादा संसाधन जुटाने में मदद करता है। लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक, अगर बीते तीन महीने में क्रूड ऑयल (Crude oil) की कीमत पर गौर किया जाए तो जुलाई-सितंबर 2023 के बीच तेल की कीमत में करीब 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है। इसके पीछे की एक वजह यह भी बताई गई है क्योंकि सऊदी अरब और रूस के नेतृत्व में ओपेक प्‍लस के उत्पादन में कटौती से पूरी दुनिया में क्रूड ऑयल की सप्लाई घटी है। 

4 अक्टूबर को है अहम बैठक
ओपेक प्‍लस मंत्रिस्तरीय पैनल की आगामी 4 अक्टूबर को मीटिंग है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि इस पर जरूर कोई फैसला होगा कि आखिर सप्लाई में कटौती जारी रहेगी या नहीं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इससे यह तय होगा कि कीमत (Crude oil price) 100 डॉलर प्रति बैरल की तरफ रुख करेगा या नहीं। आपको बता दें, सितंबर की शुरुआत में, सऊदी अरब ने अपनी एक मिलियन बीपीडी कटौती को दिसंबर तक बढ़ा दिया था। इस बीच बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड नवंबर वायदा की कीमत 95.31 डॉलर प्रति बैरल पर है, जो बाजार में मजबूती का संकेत दे रही है।

भारत ने लगाए उम्मीद से परे टैक्स
भारत ने पिछले साल जुलाई में कच्चे तेल (Crude oil)उत्पादकों पर उम्मीद से परे टैक्स लगाया और गैसोलीन, डीजल और विमानन ईंधन के निर्यात पर लेवी बढ़ा दी। सरकार ने पाया कि प्राइवेट रिफाइनर घरेलू बिक्री के बजाय विदेशी बाजारों में मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन से प्रॉफिट कमाना चाहते थे। एटीएफ पर लेवी 3.50 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 2.50 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 5.50 रुपये से घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। 

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