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Hindi News पैसा बिज़नेस AI से साइबर खतरा बढ़ा, RBI गवर्नर ने बैंकों को फर्जीवाड़ा रोकने के लिए दिया ये निर्देश

AI से साइबर खतरा बढ़ा, RBI गवर्नर ने बैंकों को फर्जीवाड़ा रोकने के लिए दिया ये निर्देश

दास ने कहा कि एआई के आने के साथ साइबर सुरक्षा संबंधी चुनौतियां कई गुना बढ़ सकती हैं। इससे व्यक्तिगत जानकारी तक अनधिकृत पहुंच कायम की जा सकती है, जो उपभोक्ताओं के भरोसे को प्रभावित कर सकता है।

Shakti Kant Das- India TV Paisa Image Source : PTI शक्तिकांत दास

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से साइबर सुरक्षा चुनौतियां कई गुना बढ़ सकती हैं। इसके साथ ही उन्होंने वित्तीय संस्थानों से ग्राहक जानकारी की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के लिए कहा। दास ने यहां आरबीआई लोकपाल के वार्षिक सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि विनियमित संस्थाएं वित्तीय लेनदेन, ग्राहक संपर्क और परिचालन गतिविधियों से जुड़े आंकड़ें अपने पास रखती हैं। 

डेटा विश्लेषण पर जोर 

उन्होंने कहा कि आंकड़ों के इस व्यापक भंडार में डेटा विश्लेषण के जरिए ग्राहक सेवा को बेहतर बनाने का एक अनूठा अवसर निहित है। दास ने कहा कि डेटा विश्लेषण की ताकत का उपयोग करके विनियमित संस्थाएं ग्राहकों की जरूरतों का अच्छी तरह से अनुमान लगा सकती हैं, मुद्दों का तुरंत समाधान कर सकती हैं और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी वाले लेनदेन बढ़ने के साथ निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने और संभावित धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। दास ने कहा कि एआई के आने के साथ साइबर सुरक्षा संबंधी चुनौतियां कई गुना बढ़ सकती हैं। इससे व्यक्तिगत जानकारी तक अनधिकृत पहुंच कायम की जा सकती है, जो उपभोक्ताओं के भरोसे को प्रभावित कर सकता है। 

आरबीआई बना सबसे बेहतर जोखिम प्रबंधक

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि लंदन स्थित सेंट्रल बैंकिंग ने केंद्रीय बैंकिंग पुरस्कार 2024 के तहत उसे जोखिम प्रबंधक पुरस्कार के लिए चुना है। रिजर्व बैंक ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘संगठन में एक नया उद्यम-व्यापी जोखिम प्रबंधन (ईआरएम) ढांचा तैयार करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को सेंट्रल बैंकिंग, लंदन ने केंद्रीय बैंकिंग पुरस्कार 2024 के तहत जोखिम प्रबंधक पुरस्कार के लिए चुना गया है।’’ सेंट्रल बैंकिंग ने एक बयान में कहा कि 12,000 से अधिक कर्मचारियों वाले रिजर्व बैंक जैसे बड़े संगठन में एक नया ईआरएम ढांचा लागू करना आसान नहीं था। केंद्रीय बैंक में अंतिम बार 2012 में ईआरएम ढांचा लागू किया गया था और अब इसे फिर से तैयार करना जरूरी हो गया था। 

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