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Hindi News पैसा बिज़नेस दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 को थोड़े समय के लिए इंटरनेशनल टर्मिनल में बदला जाएगा, जानें क्या है वजह

दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 को थोड़े समय के लिए इंटरनेशनल टर्मिनल में बदला जाएगा, जानें क्या है वजह

दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 (टी1) के विस्तार का काम फरवरी के आखिर तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, डीजीसीए ने वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (जीएनएसएस) को जाम करने या छेड़छाड़ करने (स्पूफिंग) के खतरों से निपटने के संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है।

चालू वित्त वर्ष में सात करोड़ से ज्यादा यात्रियों के ट्रैफिक की उम्मीद है।- India TV Paisa Image Source : FILE चालू वित्त वर्ष में सात करोड़ से ज्यादा यात्रियों के ट्रैफिक की उम्मीद है।

दिल्ली एयरपोर्ट से एक लेटेस्ट अपेडट है। दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 को कुछ समय के लिए इंटरनेशनल टर्मिनल में बदला जाएगा। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के प्रमुख विदेह कुमार जयपुरियार ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी है। भाषा की खबर के मुताबिक, जुड़े अधिकारियों ने कहा है कि दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 (टी1) के विस्तार का काम फरवरी के आखिर तक पूरा होने की उम्मीद है। उनका कहना है कि चालू वित्त वर्ष में सात करोड़ से ज्यादा यात्रियों के ट्रैफिक की उम्मीद है। जयपुरियार ने कहा कि एक बार टर्मिनल 1 का काम पूरा हो जाएगा, तो टर्मिनल की पैसेंजर्स मैनेजमेंट कैपिसिटी 17 मिलियन से बढ़कर 40 मिलियन हो जाएगी।

एयरपोर्ट और टर्मिनल

टर्मिनल 2 को कन्वर्ट करने को लेकर जयपुरियार ने कहा कि डायल को अभी भी हितधारकों से सलाह करना है। उन्होंने कहा कि अगर सबकुछ फाइनल हो जाता है तो अगले साल जून-जुलाई तक, हम टी2 को इंटरनेशनल  टर्मिनल में बदलने में सक्षम हो जाएंगे। मौजूदा समय में टर्मिनल 2 डोमेस्टिक फ्लाइट्स के लिए है और इसकी पैसेंजर मैनेजमेंट कैपिसिटी 15 मिलियन है। राष्ट्रीय राजधानी में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGIA) देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है और इसका संचालन दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (DIAL) करता है। फिलहाल एयरपोर्ट पर तीन टर्मिनल हैं - टी1, टी2 और टी3 - और ट्रैफिक के रुझान के आधार पर, ऑपरेटर टी4 पर फैसला लेगा। अभी सिर्फ T3 से ही इंटरनेशनल ऑपरेशन है।

डीजीसीए ने जारी किया एक सर्कुलर

सिविल एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (जीएनएसएस) को जाम करने या छेड़छाड़ करने (स्पूफिंग) के खतरों से निपटने के संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है। पश्चिम एशिया में इस तरह के छेड़छाड़ की खबरों के बीच एयरलाइंस और भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) को यह सर्कुलर जारी किया गया। इसमें विमान परिचालकों, पायलटों, एयर नेविगेशन सेवा प्रदाताओं (एएनएसपी) और हवाई यातायात नियंत्रकों (एटीसी) के लिए व्यापक कार्य योजना और बचाव के उपायों के बारे में बताया गया है।

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