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Hindi News पैसा बिज़नेस राज्यों में कारोबार करना कितना आसान? सीतारमण कल राज्यों की ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग जारी करेंगी

राज्यों में कारोबार करना कितना आसान? सीतारमण कल राज्यों की ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग जारी करेंगी

पिछली रैंकिंग सितंबर, 2020 में जारी की गई थी जिसमें आंध्र प्रदेश को कारोबारी सुगमता के मामले में पहला स्थान मिला था। 

<p>Ease of Doing Business</p>- India TV Paisa Image Source : FILE Ease of Doing Business

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि कारोबारी सुगमता के मामले में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की रैकिंग 30 जून को जारी की जाएगी। मंत्रालय ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कारोबार सुधार कार्रवाई योजना (बीआरएपी), 2020 के तहत राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों का आकलन बृहस्पतिवार को पेश करेंगी। इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे। इस कवायद का उद्देश्य राज्यों के बीच व्यावसायिक माहौल को बेहतर बनाने की प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है जिससे कि वे घरेलू और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित कर सकें।

बीआरएपी-2020 में 301 सुधार बिंदु शामिल हैं, जिसके तहत 15 कारोबार नियामकीय क्षेत्र आते हैं। इनमें सूचना तक पहुंच, एकल खिड़की प्रणाली, श्रम, पर्यावरण और अन्य सुधार आदि। उद्योग संवर्द्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) बीआरएपी के तहत सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 2014 से यह रैंकिंग तैयार करता आया है।

पिछली रैंकिंग सितंबर, 2020 में जारी की गई थी जिसमें आंध्र प्रदेश को कारोबारी सुगमता के मामले में पहला स्थान मिला था। उसके बाद उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और झारखंड थे। यह रैंकिंग वर्ष 2015, 2016, 2017-18 और 2019 के लिए जारी की जा चुकी है।

 राज्यों को जीएसटी मुआवजे बढ़ाने पर फैसला टला

GST परिषद ने बुधवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये क्षतिपूर्ति व्यवस्था इस महीने के बाद भी जारी रखने के बारे में कोई फैसला नहीं किया। इसके साथ ही ऑनलाइन गेमिंग पर 28% कर लगाने का प्रस्ताव भी टाल दिया। पुडुचेरी के वित्त मंत्री के लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि सभी राज्यों ने क्षतिपूर्ति व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है लेकिन इस बारे में कोई फैसला नहीं हो पाया है। इस बारे में अंतिम निर्णय अगस्त में परिषद की होने वाली बैठक में किया जा सकता है। 

राज्यों ने क्षतिपूर्ति जारी रहने की मांग की 

देश में एक जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के साथ यह निर्णय किया गया था कि राज्यों को इस नई कर व्यवस्था से राजस्व नुकसान होने पर उसकी क्षतिपूर्ति की जाएगी। महामारी के कारण दो साल प्रभावित होने के साथ राज्यों ने इस क्षतिपूर्ति व्यवस्था को आगे भी जारी रखने की मांग की है। जीएसटी मामले में निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय परिषद ने बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ। 

ऑनलाइन गेम और कसीनो पर आगे होगा फैसला 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि मंत्रियों के समूह से कर दर और ऑनलाइन गेम, कसीनो और घुड़दौड़ पर कराधान के बारे में आगे विचार करने को कहा गया है।

छोटे कारोबारियों को दी गई बड़ी राहत

जीएसटी परिषद की बैठक में छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दी गई। परिषद ने छोटे कारोबारियों को ई—कॉमर्स ऑपरेटर के जरिए बगैर जीएसटी रजिस्ट्रेशन के सामान/सेवा बेचने की अनुमति देने का फैसला किया। यह बदलाव 1 जनवरी, 2023 से लागू होगा। इसके तहत 40 ला या 0 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार वालों को सुविधा मिलगी। हालांकि, छोटे कारोबारियों को राज्य के भीतर ही कारोबार करना होगा। इसके साथ ही कंपोजिशन डीलर भी ई कॉमर्स ऑपरेटर से जुड़ सकेंगे। 

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