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Economic Survey 2022: कैसी है देश की आर्थिक सेहत, इकोनॉमिक सर्वे की ये जरूरी बातें आपके लिए हैं बेहद जरूरी

आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए विकास दर का अनुमान 9.2 फीसदी पेश किया गया है। वहीं, अगले साल (वित्त वर्ष 2022-23) ग्रोथ का अनुमान 8-8.5 फीसदी है।

<p>Economic Survey 2022: कैसी है देश...- India TV Paisa Image Source : PTI Economic Survey 2022: कैसी है देश की आर्थिक सेहत, इकोनॉमिक सर्वे की ये जरूरी बातें आपके लिए हैं बेहद जरूरी

Highlights

  • संसद के बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री ने देश का आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey 2022) पेश किया
  • आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 9.2 फीसदी विकास दर का अनुमान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को भारतीय अर्थव्यवस्था का बही खाता यानि कि बजट पेश करेंगी। इससे ठीक पहले सोमवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री ने देश का आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey 2022) पेश किया। देश की सेहत से जुड़ी इस अहम रिपोर्ट में चालू वित्त (2021-22) वर्ष में अर्थव्यवस्था का पूरा रिपोर्ट कार्ड पेश किया गया है। इसके साथ ही वित्त वर्ष (2022-23) के लिए अर्थव्यवस्था की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी गई है।  आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 9.2 फीसदी विकास दर का अनुमान पेश किया गया है। आम लोगों को देश के इस आर्थिक रिपोर्टकार्ड में से हम 10 अहम बिंदु निकाल के लाएं हैं, जिन्हें आपको जानना जरूरी है।  

  • आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए विकास दर का अनुमान 9.2 फीसदी पेश किया गया है। वहीं, अगले साल (वित्त वर्ष 2022-23) ग्रोथ का अनुमान 8-8.5 फीसदी है। इसका सीधा मतलब है कि कोरोना की तीसरी लहर के बावजूद देश की तरक्की जारी है, उद्योग धंधे और कारोबार जारी रहेगा और लोगों को काम मिलता रहेगा। 
  • आर्थिक सर्वेक्षण बताता है कि देश के किसान एक बार फिर देश को मंदी से उबारने में कामयाब रहे हैं। इसके अलावा औद्योगिक गतिविधियों में भी तेजी आई है। आर्थिक सर्वेक्षण बताता है कि कृषि क्षेत्र में ग्रोथ का अनुमान 3.9 फीसदी और औद्योगिक क्षेत्र में 11.8 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया गया है। इंडस्ट्रियल सेक्टर में 2020-21 में निगेटिव (-7%) ग्रोथ रहा था। इसके अलावा चालू वित्त वर्ष के लिए सर्विस सेक्टर के ग्रोथ का अनुमान 8.2 फीसदी रखा गया है। ​जबकि सर्विस सेक्टर में 2020-21 में 8.6 परसेंट नेगेटिव ग्रोथ आई थी।
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कच्चे तेल की महंगाई पर चिंता व्य​क्त की गई है। आर्थिक सर्वेक्षण में अगले वित्त वर्ष के लिये जो वृद्धि अनुमान व्यक्त किए गए हैं। वह कच्चे तेल की 70-75 डॉलर प्रति बैरल की कीमत पर आधारित हैं। लेकिन फिलहाल कच्चे तेल की कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल पर है। ऐसे में अनुमान डगमगा सकते हैं। 
  • आर्थिक समीक्षा में बातया गया है कि इस समय RBI के खजाने में 635 बिलियन डॉलर का रिजर्व है। यह रिजर्व 13 महीने के आयात और भारत सरकार के विदेशी कर्ज से कहीं ज्यादा है। इसके अलावा निर्यात में भी तेजी आ रही हैै। लेकिन कंटेनर की कमी निर्यात क्षेत्र के लिए बड़ी बाधा बन सकता है। हालांकि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के बीच देश का निर्यात करीब 50 फीसदी की तेजी के साथ 302 बिलियन डॉलर रहा।
  • सर्वे में कहा गया है कि सरकार की कमाई तेजी से बढ़ी है। जीएसटी कलेक्शन शानदार रहा है। जुलाई के बाद से जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ से अधिक है। 2021-22 की तीसरी किस्त के लिये एडवांस टैक्स कलेक्शन 53.5 प्रतिशत बढ़ा है, वहीं वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 60 प्रतिशत से अधिक की गति से बढ़ा है।
  • बैंकिंग सेक्टर को लेकर कहा गया कि बैंकिंग सेक्टर में लिक्विडिटी की कमी नहीं है। इसके अलावा बैड लोन में भी गिरावट आई है। 

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