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Hindi News पैसा बिज़नेस यूरोपीय संघ ने इस देश को दिए जाने वाले 7.5 अरब यूरो पर रोक लगाने की सिफारिश की, इसके पीछे ये है खतरनाक कारण

यूरोपीय संघ ने इस देश को दिए जाने वाले 7.5 अरब यूरो पर रोक लगाने की सिफारिश की, इसके पीछे ये है खतरनाक कारण

European Union: हंगरी के कथित रूप से लोकतंत्र की राह से भटकने और यूरोपीय संघ की तरफ से दी गई राशि के कुप्रबंधन को लेकर उपजी चिंताओं के बीच यूरोपीय आयोग ने हंगरी को 7.5 अरब यूरो की दी जाने वाली राशि पर रोक लगा दिया है।

EU - India TV Paisa Image Source : INDIA TV EU ने इस देश को दिए जाने वाले 7.5 अरब यूरो पर लगाई रोक

European Union: हंगरी (Hungary) के कथित रूप से लोकतंत्र की राह से भटकने और यूरोपीय संघ की तरफ से दी गई राशि के कुप्रबंधन को लेकर उपजी चिंताओं के बीच यूरोपीय आयोग ने हंगरी को 7.5 अरब यूरो की दी जाने वाली राशि पर रोक लगा दिया है। इसके लिए रविवार को एक प्रस्ताव पारित किया गया है। यूरोपीय संघ (EU) की कार्यकारी शाखा के तौर पर काम करने वाले यूरोपीय आयोग की बैठक में कहा गया कि हंगरी में कानून के नियमों और सिद्धांतों के उल्लंघन के खिलाफ ईयू के बजट और वित्तीय हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए वह इस तरह के कदम की अनुशंसा कर रहा है। 

एकजुटता कोष के तहत दी जानी थी राशि

ईयू के बजट आयुक्त जोहान्स हान ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि यूरोपीय आयोग हंगरी के लिए आवंटित कोष के निलंबन की सिफारिश करता है। इसका आकार अनुमानित रूप से 7.5 अरब यूरो है। यह राशि हंगरी को ‘एकजुटता कोष’ के तहत दी जानी थी। यह ईयू के बजट का बड़ा हिस्सा होती है और इससे देशों को अपनी अर्थव्यवस्थाएं एवं अवसंरचना ईयू के मानकों के अनुरूप करने में मदद मिलती है।

 कोष निलंबित करने की कार्रवाई से पहले ईयू के सदस्य देशों से इसकी मंजूरी लेना आवश्यक होता है और इसके लिए 27 सदस्यों में से कम से कम 55 फीसदी की सहमति जरूरी होती है। यूरोपीय आयोग को मुख्य रूप से हंगरी की सरकारी खरीद प्रक्रिया को लेकर आपत्ति है जिसमें ईयू की तरफ से जारी कोष का इस्तेमाल किया जाता है। 

रूस-यूक्रेन युद्ध से यूरोपीय देशों को काफी नुकसान

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने अब यूरोपीय देशों पर अपना शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। रूस यूरोपीय देशों की गैस आपूर्ति में कटौती कर अपनी ताकत के आगे झुकाना चाहता है। ऐसे में अभी हाल ही में रूस द्वारा गैस कटौती को लेकर पूरे यूरोप में अफरा-तफरी मची हुई है। बता दें कि यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस और पश्चिमी देशों में तनाव चरम पर है। यूरोपीय देश के प्रतिनिधी इस बात से परेशान हैं कि अगर मामला ऐसे ही चलता रहा तो सर्दियों में गैस की किल्लत के कारण देश में राजनीतिक संकट पैदा हो जाएगा। लेकिन रूस उल्टा इसका जिम्मेदार पश्चिमी देशों को ही ठहरा रहा है।

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