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Hindi News पैसा बिज़नेस 2000 रुपये की विदाई से ज्वैलर्स और डेवलपर्स के चेहरे खिले, ज्वैलरी और लग्जरी फ्लैट की मांग बढ़ी

2000 रुपये की विदाई से ज्वैलर्स और डेवलपर्स के चेहरे खिले, ज्वैलरी और लग्जरी फ्लैट की मांग बढ़ी

जानकारों का कहना है कि नोटबंदी के दौरान भी बड़ी मात्रा में ब्लैक मनी रियल एस्टेट में खपा था। इस बार भी इसकी उम्मीद काफी है क्योंकि बड़े रकम को जगह लगाना रियल एस्टेट में ही संभव है।

ज्वैलरी और लग्जरी फ्लैट की मांग बढ़ी - India TV Paisa Image Source : INDIA TV ज्वैलरी और लग्जरी फ्लैट की मांग बढ़ी

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के फैसले ने सोने और प्रॉपर्टी की मांग बढ़ाने का ​काम किया है। बाजार सूत्रों के कहना है कि जिनके पास अधिक मात्रा में 2000 रुपये के नोट हैं, वे लोग कानूनी पचड़ों से बचने के लिए बैंक में नोट जमा करने से बच रहे हैं। वो इस पैसे से ज्वैलरी और प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं। वहीं बहुत सारे लोगों ने सोने के गहने की खरीदारी शुरू भी कर दी है। प्रयागराज में ज्वैलरी शॉप के मालिक राहुल रस्तोगी ने कहा, यह शादी का मौसम भी है और लोगों को लगता है कि गुलाबी मुद्रा को सोने में निवेश करना अधिक सुरक्षित है। मेरे कुछ दोस्त बैंक में 2000 रुपये के नोट जमा नहीं कराना चाहते हैं। उनको लगता है कि यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा बिछाया गया जाल है। हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि अगर ग्राहक 2,000 रुपये के नोटों से ज्वेलरी खरीदते हैं तो दुकानदार ज्यादा पैसे ले रहे हैं। उन्होंने कहा, हो सकता है कि कुछ लोग स्थिति का फायदा उठा रहे हों, लेकिन हम अपने नियमित ग्राहकों को नहीं लूट रहे हैं। आपको बता दें कि करीब 3.62 लाख करोड़ मूल्य के 2000 रुपये के नोट अभी सर्कुलेशन में हैं। 

लग्जरी फ्लैट को लेकर क्वेरी बढ़ी 

गुरुग्राम और नोएडा के प्रॉपर्टी ब्रोकर से बात करने पर पता चला कि जब से 2000 रुपये के नोट वापस लेने का ऐलान हुआ, तब से लग्जरी फ्लैट को लेकर क्वेरी में एकदम से उछाल आ गया है। पहचान गुप्त रखने की शर्त पर गुरुग्राम के एक प्रॉपर्टी ब्रोकर ने बताया कि 1 करोड़ रुपये से अधिक कीमत को लेकर क्वेरी बढ़ी है। हालांकि, अभी लोग जल्दबाजी में फैसला नहीं लेना चाह रहे हैं। एक दो डेवलपर्स से इस मुद्दे पर बात हुई, लेकिन फौरी तौर पर किसी ने कमेंट करने से मना कर दिया है। वहीं जानकारों का कहना है कि नोटबंदी के दौरान भी बड़ी मात्रा में ब्लैक मनी रियल एस्टेट में खपा था। इस बार भी इसकी उम्मीद काफी है क्योंकि बड़े रकम को जगह लगाना रियल एस्टेट में ही संभव है। होम बायर्स से कैश में मिला पैसा डेपवलपर्स अपने कंट्रैक्टर और सामान सप्लायर को दे देते हैं। इससे उनको रकम खपाने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होती है। 

इलेक्ट्रॉनिक शोरूम को भी हो रहा फायदा 

इस बीच पिंक करेंसी की वापसी को लेकर मची हड़कंप का फायदा इलेक्ट्रॉनिक शोरूम को हो रहा है। विकास नाम के एक शख्स ने कहा, यह विमुद्रीकरण का एक रूप हो सकता है, इसलिए मैं कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। मेरे पास पर्याप्त संख्या में 2,000 रुपये के नोट हैं और मैं कुछ मोबाइल फोन और अन्य गैजेट खरीद रहा हूं। यह बैंकों के बाहर कतार में लगने से बेहतर है। पेट्रोल पंप मुद्रा स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन केवल तभी जब ग्राहकों का ईंधन बिल 1000 रुपये से अधिक हो। कुछ पेट्रोल पंपों ने इसको लेकर बोर्ड भी लगा दिए हैं।

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