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Hindi News पैसा बिज़नेस अमीरों की लिस्ट में गौतम अडाणी ने की दमदार वापसी, एक झटके में टॉप 20 में पहुंचे, जानें रैंकिंग

अमीरों की लिस्ट में गौतम अडाणी ने की दमदार वापसी, एक झटके में टॉप 20 में पहुंचे, जानें रैंकिंग

अडाणी समूह के खिलाफ लगे आरोपों से संबंधित 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी हो चुकी है जबकि दो मामलों में विदेशी नियामकों से जानकारी हासिल करने की जरूरत है।

गौतम अडाणी- India TV Paisa Image Source : FILE गौतम अडाणी

दुनियाभर के अमीरों की सूची में गौतम अडाणी ने दमदार वापसी की है। अडाणी ग्रुप की कंपनियों के स्टॉक्स में शानदार तेजी लौटने से गौतम अडाणी की नेथवर्थ में बंपर उछाल आया है। इसके चलते वो एक बार फिर टॉप 20 में शामिल हो गए हैं। आपको बता दें कि ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के अनुसार, गौतम अडाणी ने 66.7 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ इस इंडेक्स पर 19वें स्थान पर पहुंच गए हैं। अडाणी अब मुकेश अंबानी के बाद इस सूची में दूसरे भारतीय हैं, जो 89.5 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ 13वें स्थान पर हैं।

Image Source : Fileअमीरों की लिस्ट

हिंडनबर्ग के झटके के बाद तेजी से रिकवरी 

आपको बता दें कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा ग्रुप कंपनियों पर आरोप लगाने के बाद गौतम अडाणी की संपत्ति में बड़ी गिरावट आई थी। ग्रुप कंपनियों के स्टॉक्स में बड़ी बिकवाली देखने को मिली थी। इससे इन कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशकों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा था। हालांकि, अब एक बार फिर राहत की खबर से शेयरों में तेजी लौटी है। हिंडनबर्ग के आरोपो पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना पैसला सुरक्षित रख लिया है। इसके बाद शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। ध्यान देने वाली बात यह है कि तेजी के बावजूद, गौतम अडानी की कुल संपत्ति अभी भी साल-दर-साल $53.8 बिलियन से अधिक कम है।

इस कारण कंपनी के शेयरों में आया उछाल 

आपको बता दें कि आज अडाणी ग्रुप के शेयरों में शानदार तेजी की वजह से ग्रुप का मार्केट कैप एक दिन में 15 अरब डॉलर बढ़ गया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा लेखांकन धोखाधड़ी और स्टॉक हेरफेर के अमेरिकी शॉर्ट-सेलर के आरोपों पर कंपनियों की जांच के लिए अपना आदेश सुरक्षित रखने के बाद 28 नवंबर को समूह के शेयरों में जबरदस्त तेजी लौटी है। आपको बता दें कि आज सुबह सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी कि समूह के खिलाफ बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की जांच को "बदनाम" करने का कोई कारण नहीं है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के समापन के बाद अदानी-हिंडनबर्ग विवाद से संबंधित याचिकाओं के एक बैच पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।

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