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Hindi News पैसा बिज़नेस वैश्विक चुनौतियां नहीं बनेगी बाधा, 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर पहुंच जाएगा भारत का निर्यात

वैश्विक चुनौतियां नहीं बनेगी बाधा, 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर पहुंच जाएगा भारत का निर्यात

भारत सरकार की ओर से अन्य देशों के साथ किए जा रहे मुक्त व्यापार समझौते का असर निर्यात पर भी देखने को मिलेगा। 2030 तक भारत का निर्यात 1 ट्रिलियन पहुंचने की उम्मीद है।

सांकेतिक तस्वीर- India TV Paisa Image Source : FILE सांकेतिक तस्वीर

भारत की अर्थव्यवस्था मौजूदा समय में दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने की वजह निर्यात है और सरकार निर्यात को बढ़ाने के लिए कई देशों से मुक्त व्यापार समझौता यानी एफटीए कर रही है, जिससे भारत के लिए अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और सेंट्रल एशिया के देशों के दरवाजे खुल रहे हैं। इन्हीं के दम पर भारत का निर्यात 2030 तक एक ट्रिलियन पहुंच सकता है। 

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में बताया गया कि फरवरी 2024 में भारत का निर्यात 11.9 प्रतिशत बढ़कर 41.4 अरब डॉलर का रहा है। यह मार्च 2023 के बाद भारत की ओर से किया गया सबसे ज्यादा निर्यात था। इस दौरान भारत से ड्रग, फार्मा, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल सामानों का निर्यात किया गया था। 

नए बाजारों से मिल रहा सहारा 

अप्रैल-दिसंबर 2023 की अवधि के दौरान अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और मध्य एशिया जैसे नए बाजारों में निर्यात में कारों, दोपहिया और तिपहिया वाहनों और कीमती धातुओं सहित 234 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के सामानों का महत्वपूर्ण प्रवाह देखा गया है।

एक ट्रिलियन पहुंचेगा भारत का निर्यात 

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्पोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) की ओर से अजय साहाई की ओर से बताया गया कि मध्यम से लंबी अवधि के नजरिए में भारत का निर्यात उत्साहजनक रहने की उम्मीद है।  हम 2030 तक एक ट्रिलियन डॉलर के निर्यात के आंकड़े को छू पाएंगे। हालांकि, अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कुछ समस्याएं हैं, लेकिन हमें उम्मीद हैं कि अमेरिकी फेड द्वारा व्याज दर कम किए जाने के बाद कई देशों से मांग में तेजी देखने को मिल सकती है।

इन देशों को सबसे ज्यादा निर्यात करता है भारत 

भारत की ओर से सबसे ज्यादा निर्यात अमेरिका को किया जाता है। ये कुल निर्यात का 15 प्रतिशत है। इसके बाद 11 प्रतिशत के यूएई दूसरे नंबर पर है। वहीं, 5 प्रतिशत से साथ हांगकांग तीसरे और 4-4 प्रतिशत के साथ चीन और सिंगापुर चौथे और 3 प्रतिशत के साथ यूके पांचवे नंबर पर है। 

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