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इन सरकारी कर्मचारियों को मुफ्त में मिलेगा महंगा इलाज, इस रिपोर्ट ने सबको चौंकाया

Central Government Employees News: सरकार के इस फैसले से 4.2 मिलियन कर्मचारियों को राहत मिलेगी, जो पैसे कम होने के चलते कई बार इलाज नहीं करा पाते थे। अब उन्हें इसके लिए सरकार के तरफ से पैसे दिए जाएंगे।

Central Government Empolyee Good News- India TV Paisa Image Source : INDIA TV इन सरकारी कर्मचारियों को मुफ्त में मिलेगा मंहगा इलाज

Central Government Employees Good News: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आई है। मंत्रालय ने केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। इसे 4.2 मिलियन कर्मचारियों को राहत मिलेगी, जो पैसे कम होने के चलते कई बार इलाज नहीं करा पाते थे। विभाग ने सूचीबद्ध अस्पतालों को लेटर भेजकर उपचार शुल्क बढ़ाने की प्रक्रिया में है। सीजीएचएस शुल्क जो पिछली बार 2014 में निर्धारित किया गया था। वह बाजार मानकों द्वारा कम माना जा रहा था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक समिति गठित की है जो उपयोगकर्ताओं के लिए लागू शुल्कों का मूल्यांकन कर रही है। ज्यादातर सेवारत और सेवानिवृत्त केंद्र सरकार के कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवार भी इसका लाभ उठा पाएंगे।। नई फीस का ऐलान अगले महीने हो सकता है।

रिपोर्ट में हुआ खुलासा

मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पतालों के लिए सीजीएसएच दरों में संशोधन कर रहे हैं। निश्चित रूप से दरों में वृद्धि होने जा रही है और यह अधिक बड़े प्राइवेट अस्पतालों को सीजीएचएस में शामिल होने के लिए आकर्षित करेगा। कमेटी अभी रेट की समीक्षा कर रही है। इसके बाद यह वित्त विभाग के पास मंजूरी के लिए जाएगा और बाद में इसे स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष पेश किया जाएगा। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि एक महीने के भीतर पूरी प्रक्रिया को पूरा किया जाना चाहिए। वर्तमान में, मेदांता, फोर्टिस, नारायण, अपोलो, मैक्स और मणिपाल जैसे बड़े अस्पतालों के साथ सीजीएचएस के तहत 600 से अधिक निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। एक लाभार्थी से किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में ओपीडी में प्रति विजिट के लिए 150 रुपये का शुल्क लिया जाता है, जबकि गैर-सीजीएचएस पैनलबद्ध अस्पतालों में ओपीडी परामर्श शुल्क 1,000 से 2,000 रुपये तक का चार्ज भरना होता तक होता है।

पिछले साल शुरू हुई थी प्रोसेस?

पिछले साल अक्टूबर में सरकार से लंबित बकाया के मुद्दे को हल करने के लिए सभी प्रमुख निजी अस्पताल के अधिकारियों ने सीजीएचएस महानिदेशक के साथ एक बैठक में भाग लिया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 674.82 करोड़ रुपये की राशि लंबित है। हमने सरकार पर हमारे लंबित बकाये को चुकाने और सीजीएचएस दरों में संशोधन के लिए अत्यधिक दबाव डाला है, क्योंकि उन्हें यह समझना होगा कि महंगाई भी अधिक है। निजी अस्पताल इतनी कम दर पर चिकित्सा सेवाएं कैसे देंगे। बता दें, 2021 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने पात्र लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए सीजीएचएस को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के आईटी प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित कर दिया था।

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