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Hindi News पैसा बिज़नेस बेमौसम की बारिश के बीच सरकार ने दी गुड न्यूज, रोटी की महंगाई से मिल सकती है राहत

बेमौसम की बारिश के बीच सरकार ने दी गुड न्यूज, रोटी की महंगाई से मिल सकती है राहत

कुछ राज्यों में गर्मी की लहर के कारण इससे पिछले वर्ष में गेहूं का उत्पादन मामूली रूप से घटकर 10.77 करोड़ टन रह गया था।

Wheat Production - India TV Paisa Image Source : FILE Wheat Production

बीते साल फरवरी की भीषण गर्मी तो इस साल बेमौसम की बारिश ने बीत एक साल से रोटी को महंगाई की खूंटी पर टांग रखा है। लेकिन इस बार संभव है कि आम लोगों को रोटी की महंगाई थोड़ी कम सताए। सरकार के मुताबिक मार्च में हुई बेमौसम बारिश के बावजूद इस साल भारत सरकार को गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद है। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार को 2022-23 में रिकॉर्ड 11.21 करोड़ टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद है। 

11.21 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान

गौरतलब है कि देश के कुछ हिस्सों में खराब मौसम से फसल को नुकसान के बावजूद सरकार को गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार होने उम्मीद है। हालांकि, इससे फसल की गुणवत्ता कुछ हद तक प्रभावित हो सकती है। सरकार ने 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 11.21 करोड़ टन का रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है। कुछ राज्यों में गर्मी की लहर के कारण इससे पिछले वर्ष में गेहूं का उत्पादन मामूली रूप से घटकर 10.77 करोड़ टन रह गया था। 

गुणवत्ता मानकों में ढील देने पर विचार

चोपड़ा ने कहा, ‘‘पिछले दो सप्ताह में खराब मौसम के कारण गेहूं की फसल को कुछ नुकसान हुआ है।’’ सचिव ने कहा कि मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानकों में ढील दी गई है और केंद्र जल्द ही पंजाब और हरियाणा में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानकों में ढील देने पर विचार करेगा। सरकारी एजेंसी एफसीआई और राज्य एजेंसियां कई राज्यों में खरीद शुरू कर चुकी हैं। 

गेहूं की 8 से 10 प्रतिशत फसल हुई बेकार

केंद्र ने सोमवार को कहा था कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में हाल की बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल को लगभग 8-10 प्रतिशत नुकसान होने का अनुमान है। सरकार ने आगे कहा कि देर से बुवाई वाले क्षेत्रों में बेहतर उपज की संभावना से इसकी भरपाई हो सकती है।

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