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GST परिषद की बैठक में कई बड़े फैसले होंगे, 28-29 जून को चंडीगढ़ में प्रतिनिधियों की होगी मुलाकात

परिषद की बैठक छह महीने बाद हो रही है। बैठक में दर को युक्तिसंगत बनाने के अलावा विपक्ष शासित राज्य राज्यों को क्षतिपूर्ति के भुगतान पर गर्मागर्म चर्चा कर सकते हैं।

<p>GST</p>- India TV Paisa Image Source : FILE GST

Highlights

  • कुछ वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव किया जा सकता है
  • 215 से अधिक वस्तुओं की दरों में यथास्थिति बनाए रखने पर फैसला संभव
  • परिषद की बैठक में दर को युक्तिसंगत बनाने पर चर्चा होगी

GST परिषद की बैठक छह महीने के बाद 28-29 जून को चंडीगढ़ में होने वाली है। इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। मिली जानकाी के मुताबिक, कुछ वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव किया जा सकता है, जबकि 215 से अधिक वस्तुओं की दरों में यथास्थिति बनाए रखने के लिए फिटमेंट समिति की सिफारिशों को मान लिया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में और सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों की जीएसटी परिषद की 47वीं बैठक 28-29 जून को होने वाली है।

छह महने के बाद हो रही है बैठक 

परिषद की बैठक छह महीने बाद हो रही है। बैठक में दर को युक्तिसंगत बनाने के अलावा विपक्ष शासित राज्य राज्यों को क्षतिपूर्ति के भुगतान पर गर्मागर्म चर्चा कर सकते हैं। कर दरों पर आधिकारियों की समिति या फिटमेंट कमेटी द्वारा प्रस्तावित दरों पर विचार किया जाएगा। समिति ने कृत्रिम अंगों और आर्थोपेडिक प्रत्यारोपण पर एक समान पांच प्रतिशत जीएसटी दर लागू करने की सिफारिश की है। समिति ने रोपवे यात्रा पर जीएसटी दर को वर्तमान में 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने की भी सिफारिश की है। 

राज्यों की क्षतिपूर्ति का मुद्दा भी उठेगा 

इसके अलावा ओस्टोमी उपकरणों पर जीएसटी दर को वर्तमान में 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर जीएसटी दरों पर एक स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा, जिसके मुताबिक ईवी, चाहे बैटरी से लैस हों या नहीं, पर पांच प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा। जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह की दो रिपोर्टें भी पेश की जाएंगी। जीएसटी परिषद की बैठक में विपक्ष शासित राज्य राजस्व घाटे की क्षतिपूर्ति को जारी रखने की पुरजोर वकालत करेंगे। दूसरी ओर केंद्र ऐसे किसी कदम को तंग राजकोषीय स्थितियों का हवाला देते हुए रोकना चाहेगा। जीएसटी (माल एवं सेवा कर) क्षतिपूर्ति कोष में कमी को पूरा करने के लिए केंद्र ने 2020-21 में 1.1 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया और राज्यों को जारी किया। उपकर संग्रह में कमी की वजह से ऐसा किया गया। 

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